ग्रामीण इलाकों के लिए कोरोना अलर्ट: मप्र के बाहर से आने वालों की देखी जाएगी मेडिकल रिपोर्ट, रिकार्ड तैयारी करेंगी पंचायतें
भोपाल। मध्यप्रदेश में तेजी से फैल कोरोना संक्रमण ने दहशत पैदा कर दी है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण इलाकों के लिए अलर्ट घोषित किया गया है। इसे लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि सभी पंचायतों में प्रदेश के बाहर से आने वालों का रिकॉर्ड रखा जाए। महाराष्ट्र की सीमा से लगे गांवों में धार्मिक व सामाजिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
विभाग के निर्देश के मुताबिक प्रदेश के बाहर से आने वालों की मेडिकल जांच रिपोर्ट देखी जाएगी। यदि जांच नहीं हुई है, तो इसकी सूचना पास के स्वास्थ्य केंद्र, जनपद या जिले के नोडल अधिकारी को दी जाएगी। किसी व्यक्ति को सर्दी, सूखी खांसी और तेज बुखार के लक्षण दिखाई दें तो ऐसे व्यक्ति का इलाज सुनिश्चित कराने के साथ 14 दिन अलग रहने की व्यवस्था भी बनाई जाए।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा ने बताया कि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में सीमावर्ती गांवों से लोग रोजगार के लिए जाते हैं। महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसके मद्देनजर सीमावर्ती जिलों में सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। वहीं, महाराष्ट्र से यात्री वाहन के आने-जाने पर रोक लगा दी है। सामाजिक और धार्मिक आयोजन भी प्रतिबंधित कर दिए हैं।
आंगनबाड़ी में ठहरने का इंतजाम
पंचायतें यह सुनिश्चित करेंगी कि अन्य प्रदेशों से गांव लौटने वाले नागरिकों की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज हो और उनकी जांच भी कराई जाए। बाहर से आए व्यक्ति के स्कूल या आंगनबाड़ी भवन में ठहरने की व्यवस्था की जाए। यहां बिस्तर, बर्तन, खाना, तौलिया, साबुन, पानी आदि का इंतजाम रहे।
संचालनालय भेजना होगी प्रतिदिन रिपोर्ट
आवश्यक वस्तुओं जैसे- दवा और राशन की उपलब्धता बनी रहे। इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए। उचित मूल्य सहित अन्य दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित कराई जाए। हैंडपंप पर साबुन का इंतजाम रखा जाए, ताकि उसके उपयोग के बाद लोग हाथ धो सकें। सभी पंचायतों को प्रतिदिन कोरोना संबंधी रिपोर्ट पंचायत संचालनालय को पहले की तरह भिजवानी होगी।