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गुनाहों की सजा भुगतने गोल्डन टेंपल पहुंचे सुखबीर बादल, सेवादार के भेष में घंटाघर के बाहर बरछा पकड़कर की सेवा, बर्तन-जूते भी करेंगे साफ

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चंडीगढ़। गुनाहों की सजा भुगतने के लिए अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल मंगलवार को गोल्ड टेंपल पहुंचे। जहां उन्होंने सेवादार के कपड़े पहकनर घंटाघर के बाहर हाथ में बरछा थामकर सेवा की। साथ ही वह बर्तन और जूते साफ करने की भी सेवा निभाएंगे। उन्होंने अपने गले में एक तख्ती डाली भी हुई है। बता दें कि सिख समाज की ‘सुप्रीम अदालत’ यानी श्री अकाल तख्त साहिब ने सोमवार को सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा सुनाई है. सुखबीर को गुरुद्वारा साहिब में बर्तन धोने होंगे और अन्य धार्मिक दंड भी भुगतने होंगे। यहीं नहीं उन्हें शौचालय भी साफ करना होगा. हालांकि उनके पैर फ्रैक्चर होने के कारण उन्हें इससे छूट दे दी गई। तख्त श्री ने ये सजा सुखबीर समेत 17 लोगों को सुनाई है।

अकाली दल के बागी गुट और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट के सदस्य 12 बजे के बाद टॉयलेट साफ करेंगे। वहीं पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा भी श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दी गई धार्मिक सजा के बाद गले में तख्ती और हाथ में भाला लेकर स्वर्ण मंदिर पहुंचे। उन्हें सजा में स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में काम करने और बर्तन और जूते साफ करने का निर्देश मिला है।यहां पर यह भी बता दें कि यह सजा सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाने, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और सिख युवाओं की हत्या करवाने वाले पुलिस अधिकारियों को उच्च पदों पर आसीन करने समेत कई पंथक गलतियों के लिए सुनाई गई।

गले में डाली गई थी तख्तियां
जत्थेदार रघबीर सिंह की ओर से धार्मिक सजा सुनाने के तुरंत बाद सुखबीर बादल समेत सभी दोषी अकाली नेताओं के गले में तख्तियां डाली गईं। इन तख्तियों पर गुरबाणी की पंक्तियां अंकित हैं- निरवैर पुरख सतगुरु प्रभ दाते, हम अपराधी तुम बख्शाते, जिस पापी को मिले ना ढोई, शरण आवे ता निर्मल होई।। इसमें परमात्मा को संबोधित करते हुए कहा गया है कि हे वाहेगुरु हम अपराधी हैं और तुम बख्शने वाले हो। हम जैसे जिस भी पापी को कोई शरण आसरा सहारा नहीं मिलता है, वह अगर तेरी शरण में आ जाता है, तो वह पवित्र पावन हो जाता है।

श्री अकाल तख्त के सामने हुई पेशी
सुखबीर बादल के मामले को लेकर श्री अकाल तख्त में पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई। इसमें सुखबीर समेत सभी आरोपियों की पेशी हुई। तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबर सिंह ने कहा, सुखबीर ने अपराध कुबूल कर लिए हैं कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने के लिए उन पर दबाव बनाया। इस काम में प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। इसलिए उन्हें दिया गया खिताब वापस लेने का फैसला लिया है। सुखबीर ने खुद पर लगे आरोपों को एक-एक कर स्वीकार किया है।

कौन-कौन दोषी?
सुखबीर के अलावा जिन 16 अन्य आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनमें बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, विक्रम मजीठिया, सुरजीत सिंह, महेशइंदर सिंह, सर्बजीत सिंह, सोहन सिंह ठंडल, चरणजीत सिंह, आदेश प्रताप सिंह का नाम शामिल है। आरोप है कि इन्होंने सरकार के फैसले का समर्थन किया। ये सभी 3 दिसंबर की दोपहर 12 बजे से एक बजे तक दरबार साहिब के बाथरूम की सफाई करेंगे। इसके अलावा, अपने घर के आसपास के गुरुद्वारा साहिब जाएंगे। वहां एक घंटे तक बर्तन साफ करेंगे। लंगर में सहयोग करेंगे और जोड़े भी साफ करेंगे। अन्य किसी तरह की सेवा भी कर सकते हैं। इसके अलावा, सुच्चा सिंह लुंगाह, हीरा सिंह गाबड़िया, बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत चीमा और गुलजार रणिके दोपहर 12 बजे से एक बजे तक संगत के लिए बने बाथरूम साफ करेंगे। वहीं स्नान करके एक घंटे तक लंगर हॉल में बर्तन साफ करेंगे। एक घंटे तक कीर्तन सुनेंगे। श्रीसुखमणि साहिब का पाठ करेंगे। यह सेवा पांच दिन अलग-अलग गुरुद्वारा साहिब में करनी होगी।

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