सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिए अपने सांसदों को तैनात किया है, लेकिन उन्हें एक भी स्कूल नहीं मिला जहां वे कह सकें, जाले में ढके, बिना पानी और शिक्षण सुविधाओं के इन स्कूलों को देखो।
अहमदाबाद। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। इससे पहले आम आदमी पार्टी राज्य में सियासी जमीन तलाशने में लग गई है। बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रोड शो के बाद उनके शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दौरा किया है। अपने गुजरात दौरे के दोरान सिसोदिया ने सत्तारूढ दल भाजपा पर सरकारी स्कूलों की बदहाली को लेकर कई आरोप लगाए। उन्होंने गुजरात के भावनगर में दो सरकारी स्कूलों का दौरा कर दावा किया कि उनकी हालत खराब है और उनकी दीवारें जालों से ढकी हुई हैं तथा शौचालयों से बदबू आ रही है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए सिसोदिया ने ‘‘शिक्षा के दिल्ली मॉडल’’ को अपनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गुजरात में सत्ताधारी पार्टी ने पिछले 27 वर्षों से सत्ता में रहने के बावजूद सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करने के लिए कोई खास काम नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इतनी खराब स्थिति में स्कूलों को छोड़कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिए अपने सांसदों को तैनात किया है, लेकिन उन्हें एक भी स्कूल नहीं मिला जहां वे कह सकें, जाले में ढके, बिना पानी और शिक्षण सुविधाओं के इन स्कूलों को देखो। केजरीवाल नीत ‘आप’ दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में आए बदलाव को दिखाने की कोशिश कर रही है और उसने गुजरात में इसी प्रकार का बदलाव करने का वादा किया है। वह खुद को राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों के एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश कर गुजरात की सभी 182 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है।
अहमदाबाद से 170 किलोमीटर दूर भावनगर में स्कूलों का दौरा करने के बाद यहां पत्रकारों से सिसोदिया ने कहा, ‘‘गैलरी से कक्षा तक, एक भी कोना जालों के बिना नहीं था। इन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को हर महीने नवीकृत किए जाने वाले वेतन पर नियुक्त किया जाता है।’’ उन्होंने कहा कि दोनों स्कूलों में शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि वहां एक पल के लिए भी खड़ा होना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बच्चों के पढ़ने और एक महिला शिक्षक के पढ़ाने की उम्मीद करना मुश्किल है।
सरकारी स्कूलों की दुर्दशा देख हुआ दुख: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल ने ट्वीट किया, सरकारी स्कूलों की यह दुर्दशा देखकर बहुत दुख हुआ। हमें आजादी मिले 75 साल हो गए हैं। हम एक अच्छी शिक्षा नहीं दे सके। क्यों? अगर हर बच्चे को बेहतर शिक्षा नहीं मिलेगी तो भारत कैसे प्रगति करेगा।’’ सिसोदिया ने कहा कि कुछ माता-पिता ने उन्हें बताया कि जीतू वघानी का परिवार एक निजी स्कूल-सह-कॉलेज बहुत बेहतर तरीके से चलाता है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह भाजपा की बहुत बड़ी विफलता है… या तो भाजपा की सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करने की मंशा नहीं है, या उसके मंत्री की मंशा सरकारी स्कूल को ठीक से चलाने की नहीं है।’’ गुजरात विधानसभा सत्र के दौरान वघानी के एक बयान का हवाला देते हुए सिसोदिया ने कहा कि 13,000 सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर नहीं हैं, और 700 स्कूलों में प्रत्येक में केवल एक शिक्षक है।