नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में आफत भरी भारी बारिश का दौर जारी । भारी बारिश के चलते सबसे ज्यादा बुरे हाल इन दिनों गुजरात के हैं। यहां पर मूसलाधार बारिश ने 18 जिलों में खूब तबाही मचा रखी है। इन जिलों के गांव-शहर सब पानी में डूबे हुए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की बात करें तो कच्छ, द्वारका, जामनगर, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, जूनागढ़, राजकोट, बोटाद, गीरसोमनाथ, अमरेली और भावनगर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश और बाढ़ के चलते नेशनल हाइवे भी बंद है। मोरबी की मच्छू नदी का पानी मालिया तक पहुंचने की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। गुजरात में अभी तक 5 नेशनल हाइवे, 2 एनएचएआइ, 66 स्टेट हाइवे, 92 अन्य सड़कें, 774 पंचायत सड़कें मिलाकर कुल 939 रास्ते बंद है।
गुजरात में भारी बारीश और बाढ़ से तीन दिन में 28 लोगों की मौत भी हुई है। सबसे ज्यादा मौतें आणंद जिले में हुई हैं. यहां पर बीते तीन दिनों में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अहदाबाद में 4, गांधीनगर, खेड़ा, महिसागर, दाहोद और सुरेन्द्रनगर में 2-2 लोगों की जान गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 8,400 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इन सबके बीच इस बीच मौसम विभाग ने गुजरात को अभी बारिश से राहत नहीं मिलने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात में आने वाले 5 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारीश का पूवार्नुमान है। मौसम विभाग की ओर से गुजरात के सुरेन्द्रनगर, राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, मोरबी, द्वारका, गीर सोमनाथ, बोटाद, कच्छ और दीव में आज, 29 अगस्त 2024 को बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
पीएम मोदी ने सीएम से फोन पर की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातकर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अहमदाबाद, वडोदरा, जूनागढ़ समेत कई जिलों में बुधवार को भी भारी बारिश हुई। अधिकारी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं। बता दें कि गुजरात में मॉनसून की शुरूआत से अबतक कुल 41,678 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. जिसमें सबसे ज्यादा वडोदरा में 10218, नवसारी में 9500, सूरत में 3859, खेड़ा में 2729, आणंद में 2289, पोरबंदर में 2041, जामनगर में 1955 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
24 नंदियां खतरे के निशान से ऊपर
बुधवार को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश के कारण दीवारें ढह जाने और पानी में डूबने जैसी घटनाओं में कुल नौ लोगों की मौत हो गई। द्वारका जिले की खंभालिया तालुका में 454 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई। इसके बाद जामनगर में 387 मिमी और जामनगर की जामजोधपुर तालुका में 329 मिमी बारिश हुई। राज्य की 251 तालुकाओं में से 13 में 200 मिमी से अधिक और 39 में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई। राज्य में 137 जलाशय, झीलें तथा 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है।
पांच जिलों में सेना तैनात, कई ट्रेनें रद्द
राजकोट, आणंद, मोरबी, खेड़ा, वडोदरा और द्वारका में सेना को तैनात किया गया है। अहमदाबाद, राजकोट, बोटाद, आणंद, खेड़ा, महिसागर, कराच और मोरबी में प्राइमरी-सेकंडरी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। पश्चिम रेलवे ने बताया कि बारिश के कारण सड़कें और रेलवे लाइन जलमग्न हो गईं जिससे यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हुई। मुंबई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस समेत आठ ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 10 अन्य ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं।