ग्वालियरमध्यप्रदेश

पांच माह बाद भारत लौटी अंजू: गांव के लोग हुए चौकन्ना, पिता ने खुद को घर में किया कैद

ग्वालियर। नसरुल्लाह की मुहब्बत में राजस्थान के अलवर जिले से पाकिस्तान पहुंची अंजू एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। दरअसल वह बुधवार को भारत लौट आई है। फिलहाल वह अटारी बार्डर में बीएसएफ की हिरासत में है। अंजू बच्चों के खातिर भारत लौटी है। जैसे ही अंजू उर्फ फातिमा के भारत लौटने की खबर गांव में फैली तो लोग चौकन्ना हो गए हैं। बता दें कि अंजू का परिवार मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहता है। वहीं जिले के टेकनपुर में स्थित बोना गांव में अंजू के पिता गयाप्रसाद थामस रहते हैं।

अंजू की घर वापसी को लेकर उसके पिता गया प्रसाद थॉमस मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ने खुद को घर में बंद कर लिया। उनका कहना है कि मैंने पहले भी कहा था वह मेरे लिए मर चुकी है। वहीं ग्रामीणों ने बातचीत में कहा कि गांव में अंजू उर्फ फातिमा पर बैन है। वहीं बच्चों की याद 5 महीने बाद आना ग्रामीणों ने संदिग्ध माना है। उनका कहना है कि अंजू को पाकिस्तान में दुर्दशा होने के बाद भारत की याद आ गई है। गांव वालों का कहना है कि अंजू के पिता पहले ही मना कर चुके हैं कि वह मेरे लिए मर चुकी है। अगर वह यहां पर आई तो हम अंजू के पिता को भी गांव से बाहर कर देंगे। अगर इस गांव में अंजू ने गांव में कदम रखा तो उसे जान से मार देंगे। क्योंकि अंजू ने अपने परिवार का ही नहीं बल्कि भारत का नाम और इस गांव का नाम बदनाम किया है।

गांव वाले भी पहुंच रहे अंजू के घर
वहीं टेकनपुर में स्थित बेना गांव में अंजू के पिता गया प्रसाद ने अपनी घर के दरवाजे बंद कर लिए हैं। वह किसी से कुछ बात नहीं करना चाह रहे हैं, तो वहीं, अंजू के भारत आने की जानकारी जैसे ही गांव वालों को लगी तो वह भी अंजू के घर पहुंच रहे हैं। बता दें नसरुल्लाह की मुहब्बत में अंजू जुलाई के महीने में भारत से पाकिस्तान पहुंची थी। अंजू पहले से शादीशुदा थी, लेकिन फेसबुक से हए प्यार ने उसे सरहद पार पाकिस्तान जाने के लिए मजबूर कर दिया लेकिन अंजू को उसके बच्चों की मोहब्बत ने वापस अपने वतन लौटने पर विवश कर दिया। वे बच्चों के खातिर फिर से भारत लौटी है।

नहीं आने देंगे घर में
गांव के सरपंच का रवि गुर्जर कहना है कि सभी गांव वालों ने पहले ही अंजू के पिता और माता से मना कर दिया था कि गांव में आने की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर वह आएगी तो हम उसे आने नहीं देंगे। उनका कहना है कि अभी वह घर के अंदर हैं जब वह निकलेंगे तो उनसे पूरा गांव बात करेगा कि अंजू को आप पूरी तरह नकार दीजिए। इसके साथ ही गांव के सरपंच रवि गुर्जर का कहना है कि संबंधित थाने में भी इसकी शिकायत करेंगे और एक आवेदन भी देंगे और इस परिवार की जांच करें। क्योंकि यहां बीएसएफ ट्रेनिंग का एक बड़ा केंद्र है और इसी के बीच में गांव आता है।

ऐसी को यहां रहने नहीं कोई हक
इसके अलावा गांव के रहने वाले धर्मेंद्र गुर्जर का कहना है कि अंजू मेरे साथ पढ़ी है और मेरी क्लासमेट रही है। अंजू ने महिलाओं का बदनाम किया है। ऐसी महिला को यहां रहने का कोई हक नहीं है। हम सब अपने देश को प्यार करते हैं और देश से बढ़कर कोई नहीं है। अंजू ने पाकिस्तान में जाकर इस गांव का नाम बदनाम किया है इसलिए उसे यहां रहने का कोई हक नहीं है। अगर वह गांव में आती है तो उसको मारा जाएगा। वहीं, गांव में रहने वाले वीर सिंह का कहना है कि अंजू के पिता को घर के अंदर से निकलकर बाहर मीडिया के सामने आना चाहिए वह अंदर क्यों छुपा है इससे तो यह अंदाजा लगा सकते हैं कि वह चुप रहकर अंजू से बात कर रहा होगा। उनका कहना है कि हम तो यह मानते हैं कि अंजू के पिताजी संदिग्ध हैं, इसकी भी जांच की जानी चाहिए।

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