कोरोना पर विशेषज्ञों का बयान: भारत के विनाशकारी लहर की चपेट में आने की आशंका नहीं, कही यह भी बात
नयी दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर देश के विशेषज्ञों (experts) ने बड़ा बयान दिया है। जो बड़ी राहत देने वाला है। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर कोरोना वायरस (corona virus) का कोई नया वैरिएंट (new variant) नहीं आता है तो भारत में भारत के कोविड-19 महामारी covid-19 pandemic() की दूसरी लहर (Second Wave) जैसी विनाशकारी लहर ()destructive wave की चपेट में आने की आशंका नहीं है। साथ ही विशेषज्ञों ने आगाह करते हुए कहा कि देश में कोरोना के मामले कम होने का मतलब यह नहीं की अब महामारी खत्म हो रही है।
विशेषज्ञों ने आगे कहा कि कुछ ही दिनों में दिवाली समेत त्योहारी मौसम (festive season) के नजदीक आने पर संक्रमण के मामलों का कम होना तस्वीर का महज एक हिस्सा भर है और उन्होंने मृत्यु दर जैसे कारकों, व्यापक स्तर पर टीकाकरण (vaccination) और ब्रिटेन जैसे देशों का जिक्र किया, जहां Covid-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। भारत के कोविड-19 टीके की 100 करोड़ खुराक लगाने की उपलब्धि हासिल करने के एक दिन बाद संक्रमण वैज्ञानिक शाहिद जमील ने कहा कि टीकाकरण की दर में काफी वृद्धि हुई है लेकिन इसकी गति और बढ़ाने की जरूरत है।
हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर जमील (Jameel, visiting professor at Ashoka University) ने कहा, मैं आश्वस्त नहीं हूं कि हम स्थानिक स्थिति में हैं…हालांकि हम इस उपलब्धि (100 करोड़) को मना रहे हैं, लेकिन अब भी कुछ दूरी तय करनी बाकी है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत में प्रतिदिन पुष्टि होने वाले वाले संक्रमण के मामले पिछले तीन महीनों से धीमी गति से घट रहे हैं, जो प्रतिदिन 40,000 से घट कर अब प्रतिदिन 15,000 रह गये हैं।
ब्रिटेन की मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी में गणित के वरिष्ठ लेक्चरर मुराद बानजी ने कहा, इस बारे में हाल में कुछ भ्रमित करने वाले दावे किये गये…कुछ समय तक मामले कम रहने का मतलब स्थानिकता से नहीं है। यह संभव है कि देश के कुछ हिस्सों में स्थानिकता करीब है लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए आंकड़े आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा, उदाहरण के तौर पर हम नहीं जानते हैं कि अभी कितनी संख्या में ऐसे लोगों को संक्रमण हो रहा है जो टीका लगवाने से पहले भी संक्रमित हो चुके हैं।