चीन में फिर लौटीं कोरोना की लपटें: तत्काल प्रभाव से बंद की उड़ानें और स्कूल, कई जगहों पर लगा लॉकडाउन
नई दिल्ली। पूरी दुनिया (whole world) में कोरोना (Corosn) फैलाने वाले चीन में एक बार फिर कोरोना का कहर दिखाई देने लगा है। जिसे देखते हुए ड्रैगन (Dragon) ने बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। खबर के मुताबिक बढ़ते संक्रमण को देखते सरकार ने फ्लाइटों की उड़ान पर रोक (flight ban on flights) लगा दी है। साथ ही स्कूलों (schools) को भी कुछ दिन के लिए लॉक कर दिया गया है। वहीं ज्यादा प्रभावित वाले क्षेत्रों में लॉकडाउन (lockdown)जैसे प्रतिबंध भी लगा दिए हैं।
सरकार ने लोगों से जरूरी होने पर ही बाहर निकलने को कहा है। इसके अलावा वायरल से लड़ने के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर टेस्टिंग (testing) शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा तेजी से संक्रमण चीन के उत्तर और उत्तर पश्चिमी राज्यों में फैल रहा है। बढ़ते संक्रमण के बीच चीन ने कहा है कि बाहर से आए यात्रियों कारण कोरोना फैल रहा है। सभी पर्यटन स्थलों और स्कूलों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
बता दें कि चीन ने हमेशा वायरस को लेकर सतर्कता बरती और जीरो नीति का पालन किया है। अपनी सीमाओं पर सख्ती बरती और लॉकडाउन का भी सख्ती के साथ पालन किया। उस समय जब दूसरे देश कोरोना प्रतिबंधों (corona restrictions) में ढील दे रहे हैं तब चीन में कड़ाई के साथ कोरोना प्रतिबंधों का पालन किया जा रहा था। लेकिन इन सब के बावजूद एक बार चीन में कोरोना के नए मामले देखे जा रहे हैं।
वहीं चीन के लान्झोउ क्षेत्र में तो लोगों से अपील कर दी गई है कि वे अपने घर से बाहर ना निकले। अगर कोई जरूरी काम नहीं है तो घर में रहने की अपील की गई है। वहीं जो बाहर निकल भी रहे हैं उन्हें कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने को कहा जा रहा है। ऐसे में नियम काफी सख्त कर दिए गए हैं और पालन नहीं होने पर एक्शन भी लिया जा रहा है।
फ्लाइट रद्द, क्षेत्रों में लॉकडाउन की नौबत
बताया गया है कि बढ़ते मामलों की वजह से लान्झोउ क्षेत्रों में 60 प्रतिशत उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। कहा ये भी जा रहा है कि मंगोलिया वाले क्षेत्र में बढ़ते मामलों की वजह से कोयले के आयात पर भी असर पड़ सकता है। वैसे अभी के लिए चीन में 24 घंटे में सिर्फ 13 मामले सामने आए हैं। लेकिन ये सख्ती इसलिए देखने को मिल रही है क्योंकि चीनी सरकार अपने देश में कोरोना का एक भी सक्रिय मरीज नहीं चाहती है। ऐसे में एक मामले के आने से भी पैनिक वाली स्थिति उत्पन्न हो जाती है।