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कोरोना से बचे तो इस तरह दम घुटने से मर जाएंगे हिन्दुस्तानी, जानिए वजह

नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona in India) के लगातार बढ़ते मामलों के बीच बहुत बड़ी आबादी के दम घुटकर मरने जैसे भयावह हालात भी बन रहे हैं. क्योंकि या खतरनाक तथ्य भी सामने आया है कि  राष्ट्रीय राजधानी (NCR) नयी दिल्ली समेत भारतीय शहरों  (Indian Cities) में वायु प्रदूषकों (Air Pollution) का स्तर अधिक है।

उपग्रहों पर लगे उपकरणों से मिले आंकड़ों के अध्ययन में वायु गुणवत्ता (Air Quality) पर नजर रखने की जरूरत और स्वच्छ पर्यावरण (Clean Environment) के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जोर दिया गया है।

बर्मिंघम विश्वविद्यालय (University of Bermingham) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 2005 से 2018 तक वायु प्रदूषकों की प्रवृत्ति का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष आधारित उपकरणों से लिए आंकड़ों का इस्तेमाल किया।

इस अध्ययन में बेल्जियम (Belgium), भारत, जमैका (Jamaica) और ब्रिटेन (Britain) के अंतरराष्ट्रीय दल भी शामिल रहे।

पत्रिका ‘एटमॉस्फेरिक केमिस्ट्री एंड फिजिक्स’ (Atmospheric Chemistry and Physics)  में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सूक्ष्म कण (पीएम 2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (Nitrogen Dioxide) दोनों ही कानपुर (Kanpur) और दिल्ली (Delhi) में बढ़ रहे हैं।

दिल्ली तेजी से उभरता महानगर है जबकि कानपुर को डब्ल्यूएचओ ने 2018 में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि भारत में पीएम2.5 और नाइट्रोजन ऑक्साइड का बढ़ना वाहनों की तादाद, औद्योगिकीकरण बढ़ने तथा वायु प्रदूषण नीतियों के सीमित प्रभाव को दिखाता है।

अध्ययन में दिल्ली, कानपुर और लंदन (London) में वायु प्रदूषण फॉर्मल्डीहाइड में वृद्धि भी देखी ग

 

 

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