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कोरोना ने मप्र में फिर पसारे पैर: एक दिन में मिले 743 नए मामले, 54 फीसदी मामले मात्र इंदौर से

भोपाल। मप्र में कोरोना संक्रमण फिर से तेजी से पैर पसारता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 743 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें 54% मामले अकेले इंदौर और भोपाल में मिले हैं। इसके अलावा जबलपुर और ग्वालियर में भी मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। इंदौर में 263, भोपाल में 139, जबलपुर में 45 व ग्वालियर में 30 नए संक्रमित मिले है। चिंता की बात यह है, पिछले एक सप्ताह में 1100 से अधिक एक्टिव केस बढ़ गए हैं। आज देर शाम तक गृह विभाग नई गाइडलाइन जारी कर सकता है।

एक सप्ताह के आंकड़ों की तुलना करें, तो सप्ताहभर में 316 केस ज्यादा बढ़े हैं। इनमें से 80% इंदौर और भोपाल के केस हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि दोनों शहरों में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए सरकार जल्दी ही सख्त कदम उठा सकती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा, जिस तरह प्रदेश में केस बढ़ रहे हैं, इससे साफ है कि वायरस अभी गया नहीं है। सावधानी ही सुरक्षा का उपाय है। मैं नहीं चाहता कि लॉकडाउन फिर से लगे, लेकिन नाइट कर्फ्यू लगाने बाध्य होना पड़ेगा।

एक सप्ताह बाद टेस्टिंग संख्या 1500 बढ़ी
पिछले एक सप्ताह से कोरोना केस लगातार बढ़ते जा रहे थे, लेकिन टेस्टिंग नहीं बढ़ाई गई। आंकड़ों के मुताबिक 7 मार्च से 13 मार्च तक रोजाना करीब 16 हजार टेस्ट किए गए। इसके बाद शनिवार 13 मार्च को यह संख्या बढ़ाकर 17,470 की गई। जानकार मानते हैं कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाना चाहिए।

दिसंबर में जब 853 केस थे, तब स्थगित कर दिया था विधानसभा सत्र
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में कोरोना केस 800 से 850 के बीच में थे, तब विधानसभा का शीतकालीन सत्र (28 से 30 सितंबर के बीच होना था) स्थगित कर दिया था, लेकिन वैसे ही हालात अब बजट सत्र के दौरान बन गई है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि सभी विधायक कोरोना का टेस्ट कराएं। विधायकों को अपने साथ स्टाफ से सिर्फ एक कर्मचारी को लाने की अनुमति दी गई है। सभी दीर्घाओं में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

छोटा हो सकता है बजट सत्र
विधानसभा का बजट सत्र की बैठकें सोमवार 15 मार्च से फिर शुरू हो रही हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना केस बढ़ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि बजट सत्र का स्वरूप छोटा किया जा सकता है। बजट सत्र 26 मार्च तक होना है, लेकिन इसे अगले सप्ताह में ही समाप्त किया जा सकता है।

रैलियों और कार्यक्रमों में भीड़
राजनैतिक कार्यक्रम और सरकारी आयोजनों में भी भीड़ हो रही है, लेकिन अभी तक इन पर रोक नहीं लगाई गई है, जबकि भोपाल और इंदौर में धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में कई बंदिशें लगाई जा चुकी हैं।

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