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कोरोना को लेकर शिवराज सरकार को इतनी बुरी तरह फटकारा कोर्ट ने 

जबलपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना के बेकाबू हो  चुके हालात पर चिंता जताते हुए राज्य उच्च न्यायालय ने आज शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सरकार को जमकर फटकारा और उसे पंद्रह दिन के भीतर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने साफ़ कहा, ‘ प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हालात भयावह है और ऐसे हालात में हाईकोर्ट मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती।’ मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी।

हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रफीक अहमद (Chief Justice Rafeeq Ahmed) और जस्टिस अतुल  श्रीधरण (Justice Atul Shridharan) की युगल पीठ ने कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य विवेक तनखा (Vivek Tanakha)की की पत्र याचिका पर सुनवाई के  दौरान तीखे तेवर दिखाए।  महामारी के इस दौर में 15 कोर्ट ने कोरोना दिन के अंदर प्रदेश की मेडीकल व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देशित किया हैं कि रेमेडिसिवर (Remdesivir) इंजेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की जायें। हाईकोर्ट ने 2-3 साल में रिटायर मेडीकल स्टॉफ को सेवा में लेने के निर्देश दिये है। मामलें की अगली सुनवाई १० मई को की जायेगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई में प्रदेश सरकार को अपनी एक्शन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

 

केन्द्र सरकार को दखल देने का आदेश

 

हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार (GOI) को दखल देने का आदेश दिया है और ये सुनिश्चित करने कहा है कि अस्पतालों में ऑक्सीज़न और रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कमी न होने पाए। हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को आदेश दिया है कि वो उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीज़न, अस्पतालों में पहुंचाए और देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़वाने का प्रयास करे.

‘रेमडेसिविर का आयात भी करवाए’

हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को आदेश दिया है कि अगर जरुरत पड़े तो सरकार विदेशों से रेमडेसिविर का आयात भी करवाए। सबसे बड़ा निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी ज़रुरतमंद कोरोना मरीज को 1 घण्टे के भीतर रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल जाना चाहिए कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वो सरकारी और निजी सभी अस्पतालों में ऑक्सीज़न और रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करे..

प्रदेश में विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाएं……………
हाई कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके अलावा स्कूल, कॉलेजों, मैरिज हॉल, होटल, स्टेडियम को अस्थाई अस्पतालों के लिए अधिग्रहित किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के खाली पदों पर संविदा पर तत्काल नियुक्ति की जाए। हाई कोर्ट ने कहा है की अगली सुनवाई से पहले सरकार अपनी एक्शन रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

 

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