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मोदी कैबिनेट की बैठक आज: कृषि कानूनों को रद्द करने लग सकती है मुहर, तैयारी में जुटा मंत्रालय

नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Mpdi) के कृषि कानूनों को वापस (agricultural laws back) लेने के ऐलान के बाद आज केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet meeting)  बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पहला कदम उठाने जा रहा है। कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) कानून वापसी को लेकर पूरी तैयारी में जुटा है। इसकी जानकारी खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी (Mines Minister Prahlad Joshi) ने दी है। उन्होंने कहा कि आज होने वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मंजूरी मिल सकती है। वहीं संसद में चर्चा की तारीख भी जल्द तय हो जाएगी।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधेयकों को 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के सत्र में रखा जाएगा। वहीं शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में उठाए जाने वाले विधायी कार्य में ‘द फार्म लॉ रिपील बिल (The Farm Law Repeal Bill), 2021’ को शामिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले शुक्रवार को घोषणा की थी कि केंद्र इस महीने के आखिर में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा और इसके लिए आवश्यक विधेयक लेकर आएगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। केंद्र द्वारा 2020 में कानून पारित किए जाने के बाद से किसान सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान (Farmer) दिल्ली के बॉर्डरों पर अपना डेरा जमाए हुए हैं। उनके विरोध प्रदर्शन को लगभग एक साल हो गया है।

प्रक्रिया पूरी होने तक डटे रहेंगे किसान
उधर, पीएम की घोषणा से किसानों में उत्साह है। किसान इसे अपनी बड़ी जीत की तरह देख रहे हैं, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि वे प्रदर्शन तबतक जारी रखेंगे, जबतक संसद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। जबकि, पीएम ने अपनी घोषणा के साथ ही साथ किसानों से वापस लौट जाने की अपील की थी।

पीएम ने वापसी की थी कानून वापसी की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने हाल ही में राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी थी। पीएम ने इस दौरान कहा था कि ये कानून किसानों के हित में थे, लेकिन हम किसानों को कानूनों की अहमियत समझा नहीं पाए, इसलिए तीनों कानून वापस लिए जा रहे हैं।

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