भोपाल। आखिरकार कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को विभाग की जिम्मेदारी मिली ही गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि रावत ने 8 जुलाई को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके 14 दिन बाद उन्हें विभाग की जिम्मेदारी मिली है। इससे पहले वन और पर्यावरण विभाग नागर सिंह चौहान के पास था। राज्य सरकार ने रविवार को मंत्रिमंडल में इस बदलाव की अधिसूचना भी जारी कर दी है।
बता दें कि 8 जुलाई को मध्य प्रदेश में दूसरी बार मोहन कैबिनेट का विस्तार हुआ था। रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली थी। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मौजूद रहे। इसके 14 दिन बाद उन्हें वन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी मिली है। खास बात यह है कि रावत को सौंपे गए विभाग का बजट 4 हजार 725 करोड़ रुपए है। वहीं नागर सिंह चौहान के पास वन एवं पर्यावरण मंत्रालय छिनने के बाद उनके पास सिफ अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग ही बचा है। इसे कैबिनेट में उनके कद घटने के रूप में देखा जा रहा है।
छह बार के विधायक हैं रावत
बता दें, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में दिल्ली दौरे पर केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। वहां से हरि झंडी मिलने के बाद रावत को विभाग का आवंटन कर दिया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। छह बार के विधायक रावत इससे पहले भी कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। रावत को मंत्री पद की राज्यपाल को दो बार शपथ दिलाना पड़ी थी। पहले उन्होंने राज्यमंत्री बतौर शपथ ली, बाद में पता चला तो उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं रावत
रामनिवास रावत को मध्य प्रदेश में ओबीसी का बड़ा चेहरा माना जाता है। जब पूरे देश में आरक्षण का मुद्दा गरमाया है। ऐसे में वे ग्वालियर चंबल में भाजपा को मजबूती देने का काम करेंगे। रामनिवास रावत मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहे हैं। 64 वर्षीय रामनिवास रावत श्योपुर जिले के सुनवई गांव के निवासी हैं। उनकी पत्नी उमा रावत हैं, उनके 2 बेटे और 2 बेटियां हैं। वे काफी पढ़े लिखे नेता हैं, वकालत भी उनका पेशा है। उन्होंने शिक्षा में बी.एस-सी., एम.ए., एल-एल.बी. पूर्ण की है।