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किसान की फसल के सर्वे में न हो कोई चूक, नहीं तो मैं नहीं रहने दूंगा नौकरी के लायक: ओला प्रभावित किसानों के बीच बोले शिवराज

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कई जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों पर जमकर कहर बरपाया है। जिसके बाद जिलों के किसान (Farmer) एक बार फिर संकट से घिर गए। किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने सरकार को घेरना भी शुरू कर दिया था। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) प्रभावित जिलों के दौरे पर गए। उन्होंने अशोकनगर (Ashoknagar), मुंगावली (Mungawali), पृथ्वीपुर (Prithvipur) में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया।

इस दौरान सीएम ने किसानों को परेशान न होने की बात कही साथ ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि किसान के लिए यह संकट की घड़ी है। मैं मंच से अफसरों (officers) को सीधा कह रहा हूं कि किसान की फसल के सर्वे में कोई चूक ना हो जाए, ईमानदारी से सर्वे करना, जरूरत पड़े तो मुआवजा के लिए एक दो प्रतिशत ज्यादा लिख देना। अगर कम लिखा तो मैं नौकरी करने के लायक नहीं रहने दूंगा। संकट की घड़ी में हम किसान भाइयों के साथ खड़े हैं।

वहीं अशोकनगर के भजावन में ओला वृष्टि प्रभावित क्षेत्रों के अवलोकन के दौरान किसान की पत्नी को बिलखता देखकर भरोसा दिलाया। CM ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जहां किसान का भयानक नुकसान हुआ है और बिटिया की शादी है तो उसका भी इंतजाम हम करवाएंगे, ताकि बेटी की शादी में कोई दिक्कत न आए।

उन्होंने कहा कि मैं दुख की घड़ी में आया हूं। मैंने खुद अपनी आंखों से फसलें देखी हैं। किसान के दर्द को पहचानता हूं और तकलीफ जानता हूं। किसान ने दिन रात मेहनत करके, कर्जा लेकर खाद- बीज डाला और पानी से नहीं पसीने से अपनी फसलों को सींचा, तब अन्न के दाने हमारे घर पर आते हैं। किसान भाइयों चिंता मत करना, यह संकट आया है और संकट से पार निकाल कर हम ले जाएंगे। 18 तारीख तक सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और सूची को पंचायत भवन पर लगाएगे। इसके बाद किसी का सर्वे रह गया होगा, तो फिर से कराएंगे और 25 जनवरी से मुआवजा वितरण करना शुरू कर दिया जाएगा।

सीएम चौहान ने कहा कि इस बार हमने फसल बीमा अलग तरीके से किया है। जो नुकसान होगा, उसका 25% बीमा कंपनी को एडवांस देना पड़ेगा, आकलन बाद में होता रहेगा। बाकी 75% आकलन पूरा होने के बाद दिया जाएगा। जिनका नुकसान हुआ है, उनकी ऋण वसूली स्थगित कर अल्पावधि का ऋण, मध्यावधि ऋण में परिवर्तित किया जाएगा और उसका ब्याज भी हम भरवाएंगे। किसान परेशान न हों। गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रुपये और बछड़ा-बछिया के लिए 10 हजार रुपये और भगवान न करे कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो, लेकिन ऐसी असामयिक मृत्यु पर 4 लाख रुपये की परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। फसल बीमा की राशि अलग से दी जाएगी।

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