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किसान आंदोलन होगा खत्म: सरकार के जवाब से संतुष्ट 32 किसान संगठनों ने घर लौटने किया ऐलान, 11 से शुरू होगी वापसी

नई दिल्ली। किसान संगठनों (Farmer’s Organizations) द्वारा पिछले एक साल कृषि कानूनों (agricultural laws) का विरोध किया जा रहा है। आंदोलित किसान संगठन दिल्ली और UP की सीमाओं पर डंटे हुए हैं। लेकिन अब सरकार द्वारा किसानों की सभी मान लिए जाने के बाद यह आंदोलन खत्म होता दिखाई दे रहा है। पंजाब के 32 किसान संगठनों (32 Farmer’s Organizations) ने घर जाने का ऐलान किया है। पंजाब के किसान 11 दिसंबर से घर वापसी शुरू करेंग। हालांकि, सरकार के प्रस्ताव पर सहमति (agreed to the proposal of the government) के बाद आंदोलन पर आखिरी फैसला लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक अभी जारी है। माना जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) की बैठक में किसान आंदोलन की वापसी पर फैसला हो सकता है।

हालांकि इससे पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni) ने भी बताया था कि मांगों पर सरकार की ओर से जो पहले प्रस्ताव भेजा गया था, वो मंजूर नहीं था, इसलिए बुधवार को सरकार की ओर से नया प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर बैठक में सहमति बन गई है। अब हम सरकार की तरफ से आफिशियल लेटर (official letter) का इंतजार कर रहे हैं। वहीं SKM ने मंगलवार को कहा था कि उसने आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है, जिसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसमें किसानों पर दर्ज ”फर्जी” मामले वापस लेने के लिये पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है।





यह है किसानों की मांग

  • किसान संगठन किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान साल 2017 से लटके मामलों का हवाला दे रहे हैं।
  • किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के आश्रितों को पंजाब मॉडल के तर्ज पर मुआवजा दिया जाए। इसके तहत मृत किसानों के परिजनों को 5 लाख रुपया और घर के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
  • लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्ती की जाए।
  • एमएसपी पर कमेटी में एसकेएम के सदस्य शामिल हों।
  • पराली जलाने पर किसानों पर ना हो एफआईआर दर्ज।
  • किसानों के लिए बिजली बिल पर सभी की राय ली जाए।

पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की बॉर्डर पर डटे हैं किसान
सरकार ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि कानूनों को पास किया था। इसके खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हुए थे। जिसके बाद इसी साल 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था। तीनों कृषि कानूनों की वापसी हो चुकी है। हालांकि, किसान एमएसपी पर कानून समेत कई और मांगों पर अड़े थे, जिसे लेकर भी सरकार ने नरम रुख दिखाया है।

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