किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस के अविश्वास को क्या व्हिप के जरिए तोड़ पाएगी खट्टर सरकार?

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस अविश्वास प्रस्ताव पर 10 मार्च यानी बुधवार को बहस होगी और हालात बने तो उसी दिन वोटिंग भी हो सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्य के सभी विधायकों से अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करने की अपील की है तो बीजेपी ने भी अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। व्हिप जारी होने के चलते सभी विधायकों को सदन में रहना होगा और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करनी होगी।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के चलते कांग्रेस ने हरियाणा की मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का दांव चला है। बजट सत्र के पहले ही दिन नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 25 विधायकों के हस्ताक्षर वाले अविश्वास प्रस्ताव को दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मंजूर कर लिया था। विधानसभा में इस पर 10 मार्च को चर्चा होगी और उसके बाद मतदान कराया जाएगा।
कांग्रेस ने खट्टर सरकार को घेरने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का दांव खेला है। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान काफी पहले ही कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने से पता चल जाएगा कि कौन विधायक सरकार के साथ खड़ा है और कौन किसानों के साथ खड़ा है।
कांग्रेस ही नहीं बल्कि संयुक्त किसान मोर्चा ने विधायकों पर दबाव बना दिया है। किसान संगठन ने वीडियो के साथ-साथ पत्र लिखकर हरियाणा के सभी विधायकों से विधानसभा में लाए गए बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करने की अपील की है। इतना ही नहीं किसान संगठनों ने सभी विधायकों से कहा है कि वे अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में खड़े होकर खट्टर सरकार को बताएं कि लोग किसान आंदोलन के साथ खड़े हैं। किसानों के हक के लिए सरकार को सबक सिखाएं। इसके चलते विधायक कशमकश में फंसे हुए हैं।
किसान संगठनों के तेवर को देखते हुए बीजेपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव से निपटने का तोड़ निकाला है। बीजेपी ने व्हिप जारी कर अपने विधायकों को बुधवार को सदन में उपस्थित रहने और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करने का दांव चला है। ऐसे में व्हिप के बाद पार्टी लाइन से हटकर कोई विधायक अगर वोटिंग करता है या अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता निरस्त हो सकती है।
बीजेपी के सभी विधायकों को व्हिप जारी करने के बारे में जानकारी भेजी गई है। पार्टी के चीफ व्हिप और संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने अपने सभी विधायकों को यह जानकारी भेजी है। इसके साथ बीजेपी की गठबंधन सहयोगी जेजेपी भी व्हिप जारी कर सकती है। इसके पीछे असल वजह यह है कि जेजेपी के करीब आधे विधायक किसान आंदोलन के समर्थन में खुलकर आ गए हैं।
माना जा रहा है कि वो सदन में कृषि कानून के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग कर सकते हैं। इसीलिए बीजेपी के बाद जेजेपी भी अपने विधायकों को व्हिप के जरिए बांध सकती है। ऐसे में अब बुधवार को नजर आएगा कि खट्टर सरकार कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव से कैसे पार पाती है।