आंदोलन खत्म: इन बॉर्डरों से किसानों ने शुरू की घर वापसी, 378 दिन लोगों को जाम से मिलेगी निजात
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार (central government) द्वारा किसानों (farmers) की सभी मांगे मानने के बाद किसानों का आंदोलन (farmers’ movement) 378 दिन बाद खत्म हो गया है। आंदोलन की अगुवाई करने वाले 32 किसान संगठनों (32 Farmer’s Organizations) ने घर वापसी का अपना पूरा कार्यक्रम में तय कर लिया है। जिसमें कल 11 दिसंबर को दिल्ली से पंजाब के लिए फतेह मार्च शुरू होगा। वहीं किसान मोर्चा ने बताया कि पहली कड़ी में टिकरी और सिंघु बॉर्डर से कुछ किसानों की घर वापसी शुरू भी हो गई है। जबकि कुछ किसान आंदोलन समाप्ति की घोषणा के साथ ही कल गुरुवार को ही अपने घरों को वापस चले गए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक किसानों के पहले जत्थे में घर लौटने वाले पठानकोट (Pathankot), अमृतसर (Amritsar), तरनतारन (Tarn Taran), गुरदासपुर (Gurdaspur), होशियारपुर(hoshiarpur) और फिरोजपुर (Firozpu) जैसे दूर-दराज के स्थानों के थे, जबकि उनमें से अधिकांश ने आज सुबह (शुक्रवार) जल्दी वापस जाने के लिए अपना सामान पैक किया। जब मंच से आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया गया तो मुख्य प्रदर्शन स्थल पर किसानों ने जीत का जश्न मनाया और मंच पर डांस भी किया। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता परगट सिंह (Bharatiya Kisan Union leader Pargat Singh) ने बताया कि सैकड़ों किसान आंदोलन की समाप्ति होने की घोषणा के साथ कल गुरुवार को अपने घरों को रवाना हो गए हैं।
इसी तरह आज भी किसान न केवल अपना सामान बांधकर ट्रेलरों और अन्य वाहनों पर लाद रहे हैं, बल्कि सीमा पर साफ-सफाई भी सुनिश्चित करेंगे जैसा कि तय किया गया था। एसकेएम के निर्णय के अनुसार अधिकांश किसान कल शनिवार को पंजाब के लिए रवाना होंगे। वहीं अमृतसर के रहने वाले किसान हरविंदर ने कहा कि कल केंद्र द्वारा हमारी सभी मांगों को स्वीकार करने के बाद हम आज घर वापस जाने के बारे में आश्वस्त थे, इसलिए हमने पैकिंग कर ली थी। जैसे ही एसकेएम ने सिंघू सीमा से आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की, हमने इन्हें ट्रैक्टर-ट्रेलरों और अन्य वाहनों पर लाद दिया।
ऐसे बनी सहमति
कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद केन्द्र ने सीधे संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा गठित की गई 5 सदस्यों की कमेटी के साथ बड़ी बैठक की। कमेटी के सदस्य बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, अशोक धावले, युद्धवीर सिंह और शिवकुमार कक्का नई दिल्ली स्थित आॅल इंडिया किसान सभा के आफिस पहुंचे। जहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अफसर भी जुडेÞ। बैठक के दौरान सबसे बड़ा पेंच किसानों पर दर्ज किए मामलों पर फंसा था। जिसे सरकार ने तत्काल प्रभाव से वापस लेने की बात कही। जिसके बाद किसानों ने घर वापसी का ऐलान कर दिया।