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कांग्रेस की जमीन हिलाने की तैयारी में कैप्टन, पार्टी के नाराज बड़े नेताओं को साथ लाकर करेंगे बड़ा धमाका!

जालंधर (पंजाब)। पंजाब कांग्रेस (Punjab congress) मचे सियासी घमासान के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुके कैप्टन ने अब जल्द ही अपने नए संगठन (new organization) की घोषणा कर सकते हैं। सियासी सूत्रों का मानना है कि कैप्टन हाईकमान (high command) से नाराज और भी बड़े नेताओं को अपने साथ लाकर जल्द ही बड़ा धमाका कर सकते हैं। बताया यह भी जा रहा है कि उनके संपर्क में पार्टी के दर्जन भर नेता (a dozen leaders) है और वह भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह अगर ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो राज्य में कांग्रेस को एक बार फर सत्ता से दूर कर सकते हैं। कैप्टन की जहां अफसरशाही (bureaucracy) में खासी पकड़ थी तो वहीं सरकार के साथ-साथ उन्होंने संगठन पर भी अपना कब्जा बरकरार रखा था। कैप्टन के निकटवर्ती नेता अब सूबे में उन वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधने में लगे हैं, जिनको दरकिनार किया जा रहा है। वहीं माना यह भी जा रहा है कि अमरिंदर सिंह के पंजाब के कुछ किसान नेताओं से भी मिलने की संभावना है।





फिलहाल, अगले कदम को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने समर्थकों से भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। बता दें कि बुधवार को अमरिंदर सिंह ने अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी, जिसके बाद भाजपा में उनके जाने की अटकलों को हवा मिली थी। हालांकि इन अटकलों के बीच अमरिंदर सिंह ने कहा था ‘अभी तक मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कांग्रेस में रहूंगा नहीं। मैं अपने साथ ऐसा बर्ताव नहीं होने दूंगा।’ अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि वह किसी भी कीमत पर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में जीतने नहीं देंगे।

बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में जान फूंकी और 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी को सत्ता में ले आए और 14 से सीधे 61 विधायक कांग्रेस के जीते। कैप्टन ने सबसे अधिक झटका भाजपा (BJP) को दिया, जिनके सिर्फ तीन विधायक रह गए। 2007 में कांग्रेस का प्रदर्शन भी निराशाजनक नहीं रहा, कैप्टन के नेतृत्व में 44 विधायक कांग्रेस के जीते थे। इसके बाद कांग्रेस की कमान मोहिंदर सिंह केपी को मिली और बाद में प्रताप बाजवा को लेकिन दोनों कांग्रेस को सत्ता तक नहीं ला सके। 2012 में कांग्रेस के 46 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन सत्ता नहीं मिली।

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