कांग्रेस के महामंथन में नए अध्यक्ष पर नहीं बनी बात: खडगे और राजीव बोले- सोनिया ही करेंगी नेतृत्व, हम सभी को उन पर भरोसा
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की रविवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अंबिका सोनी के अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सभी को सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा है और पार्टी के नेतृत्व की कमान उन्हीं के हाथों में रहेगी। यहीं बात कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी दोहराई।
बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी बैठक में सभी नेताओं की बात सुनीं। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए आवश्यक बदलाव करने को तैयार हैं। बैठक में फैसला किया कि जल्द ही एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
वहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव सहित आगामी चुनावों में चुनावी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपने विश्वास की पुष्टि की और उनसे कांग्रेस का नेतृत्व करने का अनुरोध किया। बताया यह भी जा रहा है कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तीन अन्य कांग्रेसी नेता पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि गांधी परिवार की वजह से पार्टी कमजोर हो रही है। अगर आप लोगों को ऐसा लगता है तो हम किसी भी प्रकार का त्याग करने के लिए तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश भी की।
उन्होंने कहा कि हमारा पहला मकसद कांग्रेस को मजबूत करना है. इसी कड़ी में कांग्रेस अप्रैल में चिंतन शिविर का आयोजन करने जा रही है। वहीं हरीश चौधरी ने पंजाब हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि मैं पंजाब के नतीजों की जिम्मेदारी लेता हूं। हम नई रणनीति के साथ फिर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी, बीजेपी की बी टीम है।
राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग
वहीं बैठक के बाद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार भी कहा कि राहुल गांधी को तुरंत पूर्णकालिक भूमिका में कांग्रेस अध्यक्ष पद ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे करोड़ों कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की यही कामना है। इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जी-23 के सदस्यों द्वारा दो साल पहले लिखे एक पत्र साझा कर कहा है कि पत्र में सभी सदस्यों ने संगठन बदलाव की मांग की थी ताकि चीजें बेहतर हों, लेकिन तब से ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।
वहीं अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए। उनके ऐसा करने से पार्टी एकजुट रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती है, एक समय भाजपा ने 542 में से केवल 2 सीटें जीती थी। लोग गुमराह हो रहे हैं क्योंकि भाजपा धर्म की राजनीति करती हैं, आज नहीं तो कल ये बात देशवासियों को जरूर समझ आएगा। इंदिरा गांधी ने अपनी जान दे दी, लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया।
कांग्रेस में फिर से जान फूंकने की जरूरत: थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि देश में कांग्रेस आज भी सबसे विश्वसनीय विपक्षी दल है। इसलिए इसमें सुधार तथा नई जान फूंकना जरूरी है। थरूर ने देश में विभिन्न दलों के विधायकों की संख्या वाला एक चार्ट साझा करते हुए ट्वीट किया कि यही वजह है कि कांग्रेस सबसे विश्वसनीय राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी बनी हुई है। इसीलिए सुधार और नयी जान फूंकनी जरूरी है।