करारी पर बोले कांग्रेस के अधीर: संगठनात्मक कमजोरी, पंजाब में सत्ताविरोधी लहर और गोवा में टीएमसी की सेंधमारी से हारे चुनाव
कोलकाता। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। यहां तक की पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर यहां भी सत्ता से बाहर कर दिया है। विधानसभा चुनाव में आए नतीजों पर पर अब लोकसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का बयान सामने आया है। उन्होंने पार्टी की हार के लिए संगठनात्मक कमजोरी, पंजाब में सत्ताविरोधी लहर से निपटने में अक्षमता और गोवा में तृणमूल कांग्रेस की सेंधमारी को जिम्मेदार माना है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी फेरबदल की जरूरत नहीं है, क्योंकि राहुल और प्रियंका गांधी तहे दिल से प्रयास कर रहे हैं। बता दें उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब आज चुनावों में मिली पर आत्ममंथन करने के लिए सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने वाली है। चौधरी ने कहा, हमारी पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी है और इसी कारण से हम हारे हैं। पंजाब में हमारी हार हमारी ही गलतियों का नतीजा है। हम पंजाब में सत्ताविरोधी लहर से निपटने में असफल रहे।
उन्होंने गोवा में पार्टी की हार के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार माना है। उन्होंने दावा किया, हम गोवा में चुनाव जीत सकते थे, लेकिन हम वहां सिर्फ तृणमूल द्वारा पहुंचाये गये नुकसान के कारण हारे हैं। उन्होंने (तृणमूल) ने वहां भाजपा के एजेंट की तरह काम किया और उनके (भाजपा के) इशारे पर वोट बांटने का काम किया। यही कारण है कि हम गोवा में भी हार गये हैं।
चौधरी ने स्वीकार किया कि भाजपा ने चुनावों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं जताई और कहा, आखिर, कौन होगा अगला नेता? यदि राहुल और प्रियंका को हटाना नेतृत्व परिवर्तन का अर्थ है तो उनके स्थान पर कौन होगा? दोनों तहे दिल से प्रयास कर रहे हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है।
वहीं पार्टी के एक अन्य नेता एवं जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भविष्य के चुनावों में अपेक्षित परिणाम के लिए पुनर्संरचना की आवश्यकता जताई और इस वर्ष के अंत में निर्धारित संगठनात्मक चुनाव पर जोर दिया। हालांकि, उन्होंने भी शीर्ष नेतृत्व में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता से इनकार किया।
सिंघवी ने पांच राज्यों में पार्टी की हार को बहुत, बहुत निराशाजनक करार देते हुए कहा, हमने पंजाब में हार स्वीकार की है लेकिन गोवा और उत्तराखंड की हार वास्तव में गहरा धक्का देने वाली है। जाने-माने वकील ने कहा, बात घूम-फिरकर नेतृत्व पर आती है। वे कभी गोलियों का सामना करने से नहीं घबराये, न कभी भागे। वे हर चीज कबूल करने को तैयार हैं। हमें पार्टी के निचले स्तर से पुनर्संरचना की आवश्यकता है।