राज्य में एक राज्यसभा सीट जीतने की स्थिति में दिख कांग्रेस ने पार्टी के सचिव श्रीनिवासन कृष्णन को अपना उम्मीदवार बना दिया है। जिसको लेकर केरल कांग्रेस में घमासान मच गया है। पार्टी के इस निर्णय से खफा नेताओं ने शीर्ष हाईकमान से यहां तक कह दिया है कि कहा है कि इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
नई दिल्ली। पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में कलह कम होने की बजाय लगातार बढ़ती ही जा रही है। एक ओर जहां कांग्रेस के असंतुष्ट जी-23 नेता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अगल से बैठके कर पार्टी से लेकर हाईकमान को नसीहत दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अब हाईकमान की परेशानी केरल के नेताओं ने बढ़ा है। यहां पर परेशानी बढ़ने का कारण है राज्यसभा सीट।
राज्य में एक राज्यसभा सीट जीतने की स्थिति में दिख कांग्रेस ने पार्टी के सचिव श्रीनिवासन कृष्णन को अपना उम्मीदवार बना दिया है। जिसको लेकर केरल कांग्रेस में घमासान मच गया है। पार्टी के इस निर्णय से खफा नेताओं ने शीर्ष हाईकमान से यहां तक कह दिया है कि कहा है कि इसे स्वीकार नहीं करेंगे। स्टेट यूनिट की ओर से कहा गया है कि उनकी ओर से भेजे गए प्रस्ताव को महत्व दिया जाना चाहिए था। प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरण ने पार्टी लीडरशिप से कहा है कि उनकी इच्छा है कि किसी युवा नेता को मौका मिले। बता दें कि श्रीनवासन कृष्णन को प्रयंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी माना जाता है।
स्टेट यूनिट की ओर से एम. लिजू का नाम सुझाया गया था, जो यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। फिलहाल उनके पास अलपुझा जिले के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी है। सुधाकरण ने कहा कि हाईकमान की ओर से शुक्रवार को यह फैसला लिया गया था। इस फैसले के खिलाफ के सुधाकरण की राय का राज्य के कई और नेता भी समर्थन कर रहे हैं। बीते सप्ताह ही राज्यसभा सीट पर दावे के लिए सीनियर लीडर केवी थॉमस ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। लेकिन स्टेट यूनिट का कहना था कि किसी युवा नेता को मौका मिलना चाहिए।
वहीं एक और वरिष्ठ नेता ने श्रीनिवासन का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा लगने लगा है कि पार्टी अब भी गलतियों से सीखना नहीं चाहती है। हम अब नॉमिनेशन की पॉलिटिक्स नहीं चलने देंगे। राज्य के किसी नेता को राज्यसभा में भेजना चाहिए। किसी भी नॉमिनेटेड नेता को यह मौका नहीं मिलना चाहिए।’ यहां तक कि सीनियर लीडर के. मुरलीधरण ने तो इसके खिलाफ सोनिया गांधी को खत ही लिख दिया है। उन्होंने चिट्ठी में कहा कि ऐसे नेता को राज्यसभा में नहीं भेजना चाहिए, जो विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में हार चुका हो।
महिला नेता को राज्यसभा भेजने उठी मांग
एक प्रस्ताव यह भी था कि किसी महिला नेता को उच्च सदन में भेजा जाए। इसकी वजह यह है कि केरल से बीते 5 दशकों में कोई महिला नेता राज्यसभा में नहीं रही है। लेकिन 58 वर्षीय श्रीनिवास कृष्णन के प्रस्ताव को लेकर नेताओं में रोष है। कृष्णन को प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी माना जाता है। हाईकमान की ओर से उनके नाम का सुझाव दिया गया, जिस पर स्टेट यूनिट ने गहरी आपत्ति जाहिर की है। केरल के त्रिशूर के रहने वाले कृष्णन तेलंगाना के प्रभारी हैं और रॉबर्ट वाड्रा के मालिकाना हक वाली कंपनियों के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स का भी हिस्सा हैं।