सिब्बल की सफाई: कहा- हम गांधी परिवार के साथ, पर नागरिकों की आकांक्षाओं को समझने की जरूरत

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने अपने जन्म दिन आयोजित डिनर पार्टी (dinner party) पर सफाई दी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह डिनर गांधी परिवार (Gandhi family) के लिए, गांधी परिवार के साथ है। उन्होंने आगे कहा कि जनता हमसे सवाल कर रही है हम भाजपा (BJP) विरोधी दल हैं, लेकिन आप्शन क्या है? मुझे लगा कि उस प्रक्रिया को शुरू करने का समय आ गया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) को छोड़कर हर राजनीतिक दल वहां मौजूद था। मैं बातचीत शुरू करना चाहता था, इससे ज्यादा कुछ नहीं।
पूर्व कानून मंत्री ने कहा कांग्रेस पार्टी को कार्यकर्ताओं और जनता की आकांक्षाओं को समझना होगा। सिब्बल ने कहा- समय आ गया है जब हमें विपक्षी दलों को एक दूसरे से बात करने की जरूरत है। हम कांग्रेसी हैं, इस बातचीत में कांग्रेस (Congress) को बाहर नहीं किया गया है। राहुल गांधी विपक्ष को एकजुट करने के लिए पहल कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से जुड़े एक सवाल पर सिब्बल ने कहा, राहुल गांधी वही कर रहे हैं जो उन्हें ठीक लगता है। हम हर संभव तरीके से उनका समर्थन करते हैं। हम उनके प्रयासों में शामिल हो रहे हैं। हम कह रहे हैं कि हमारे अन्य राजनीतिक दलों से भी रिश्ते हैं और हम गठबंधन भी बना सकते हैं और वह कांग्रेस पार्टी के समर्थन में होगा। यह कांग्रेस के साथ वाला विपक्ष है।
उन्होंने कहा कि पार्टी में संवादहीनता है। कार्यकर्ताओं से बात नहीं की जा रही जिससे उनमें निराशा है। मेरी ही पार्टी के नेतृत्व से 2019 से बात नहीं हुई है। आज हम 2021 में हैं। संवादहीनता को सिब्बल ने बड़ी खामी बताया। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने विपक्ष को एक साथ लाने की कोशिश को अच्छा बताते हुए ये कहा कि जब तक कांग्रेस को 120 सीटें नहीं मिलतीं, हम बीजेपी का विकल्प नहीं बन पाएंगे। कपिल सिब्बल ने कहा कि हम कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं। भारत (Indian) के लोग BJP को नहीं चाहते, वे एक प्रभावी विकल्प चाहते हैं और हम उन्हें वह विकल्प देना चाहते हैं।
समान विचारधारा वाले लोग हमारे साथ खड़े होंगे: सिबल
राज्यसभा सांसद ने कहा, हम सब कांग्रेस कार्यकर्ता पर निर्भर हैं। हमें सबसे पहले कांग्रेस कार्यकर्ता और देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को समझना होगा कि वे भविष्य में क्या चाहते हैं। यह बातचीत विपक्ष से भी शुरू होनी चाहिए। हमें चुनाव वाले राज्यों में लोगों की मांगों पर चर्चा करने की जरूरत है। हम उन आकांक्षाओं को हासिल करने में कैसे मदद कर सकते हैं और उन राज्यों में भाजपा क्या कर रही है, इसका पदार्फाश करने की जरूरत है।