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असंवेदनशील मोदी सरकार, सांसदों के साथ बैठक में सोनिया ने ऐसे बोला केन्द्र पर हमला

नई दिल्ली। संसद (Parliament) के चल रहे शीतकालीन सत्र के बीच आज बुधवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Party President Sonia Gandhi) की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय दल (Congress Parliamentary Party) की बैठक हुई। इस बैठक में सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी (Rahul Gandhi), राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) समेत तमाम नेता मौजूद रहे। इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष ने किसानों के आंदोलन, महंगाई और विनिवेश के मुद्दो पर केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला।

सोनिया ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार (Modi government) को असंवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत (More than 700 farmers died) हुई है लेकिन सरकार कहती है कि मृत किसानों का हमारे पास कोई आंकड़ा नहीं है। इससे बड़ी असंवेदशीलता (insensitivity) और क्या हो सकती है। कांग्रेस लीडर ने कहा, ‘अब उन 700 किसानों का सम्मान होना चाहिए, जिन्होंने आंदोलन के दौरान जान गंवा दी। वहीं महंगाई पर भी सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों लगातार हो रही वृद्धि के कारण हर परिवार का बजट बिगड़ गया है। इन सब मुद्दो पर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।

इस दौरान उन्होंने राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसदों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। सोनिया ने कहा कि सरकार का यह कदम घोर निंदनीय है, विपक्ष इस कदम को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा और हम निलंबित हुए सांसदों के साथ खड़े हैं। बता दें कि कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर 12 दिसंबर को एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी में भी है।





बता दें कि इससे पहले कल मंगलवार को राहुल गांधी ने भी किसानों के मुद्दे पर संसद में बात की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार का कहना है कि उसके पास आंदोलन में मरे लोगों का आंकड़ा नहीं है। मेरे पास 500 से ज्यादा लोगों के नाम हैं। इन लोगों को पंजाब सरकार ने मुआवजा दिया है और 152 लोगों को नौकरी भी दी है। राहुल गांधी ने कहा था कि मैं संसद में इस पूरी सूची को रखता हूं और सरकार इसकी मदद से किसानों को मदद कर सकती है। इस बीच आज किसान आंदोलन की समाप्ति का भी ऐलान हो सकता है। एमएसपी से लेकर अन्य तमाम मुद्दों पर सरकार ने सहमति जताई है और किसानों के तेवर भी कुछ नरम दिखे हैं।

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