सब की कांग्रेस-घर की कांग्रेस पर घमासान: सिब्बल के बयान पर मीडिया के सवालों का राहुल ने दिया जवाब, सीधे चले गए संसद भवन
नई दिल्ली। पांच राज्यों में मिली हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के दिए बयान के बयान पर पार्टी के अंदर घमासान मच गया है। कपिल सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस को सब की कांग्रेस बनानी चाहिए न कि घर की कांग्रेस। सिब्बल के इस बयान पर जब मंगलवार को संसद भवन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मीडिया सवाल द्वारा पूछा गया तो वे कन्नी काटते हुए नजर आए। उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया और आगे बढ़ गए।
वहीं जानकारों का मानना है कि पांच राज्यों में मिली करारी के बाद कांग्रेस में अगले कुछ दिनों में सियासी घमासान तेज होने के आसार हैं। पांच राज्यों की ताजा हार के बाद पार्टी की औपचारिक बैठक में सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश व उसे खारिज करने की रस्म पूरी हो गई है, लेकिन अब अंदरूनी असंतोष मीडिया के मार्फत बाहर आ रहा है।
क्या बोले थे सिब्बल
बता दें कि कपिल सिब्बल ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि आज कांग्रेस में कुछ लोग घर के कांग्रेसी हो गए हैं जबकि कुछ लोग सबकी कांग्रेस के हैं। उन्होंने कहा कि असली कांग्रेस और सबकी कांग्रेस हैं। इसलिए जो लोग घर के कांग्रेसी नहीं हैं उनके दृष्टिकोण को भी सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जिस तरह पतन हो रहा है, वह देखा नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं अंतिम सांस तक सबकी कांग्रेस के लिए संघर्ष करता रहूंगा।
उन्होंने कहा, सबकी कांग्रेस का मतलब सिर्फ एक साथ ही नहीं होना है, बल्कि भारत में उन सभी लोगों को एक साथ लाना है जो बीजेपी को नहीं चाहते हैं. हमें ऐसा दृष्टिकोण अपनाना होगा जिसमें परिवर्तन की सभी ताकतें, जो इस देश में सभी संस्थानों के इस निरंकुश कब्जे के खिलाफ हैं, को एक साथ आने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ममता बनर्जी हुईं, शरद पवार हुए, ये सब कांग्रेसी थे लेकिन सभी दूर चले गए हैं। हमें इन सबको साथ लाना है।
‘घर की कांग्रेस’ को ‘सबकी कांग्रेस’ बनाने का वक्त आया
कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सब की कांग्रेस’ हो। उन्होंने कहा कि इस बार के परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया क्योंकि मुझे इसका अंदाजा पहले से था। हम 2014 से लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जहां हम सफल हुए वहां भी हम अपने कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए।
कांग्रेस जैसा पलायन किसी दल में नहीं हुआ
इस बीच कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है। जिनमें नेतृत्व का भरोसा था वह कांग्रेस से दूर जा रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। यह ध्यान रखना वाकई दिलचस्प है कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद, विधायक के साथ-साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है।