कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू के इस्तीफे से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा सकता है। हालांकि अब तक शीर्ष नेतृत्व ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। लेकिन अगर वह नहीं मानें तो सख्त कदम भी उठाया जा सकता है। इस बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) द्वारा अपनाए गए बगावती तेवर (rebellious attitude) के सामने कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) इस बार झुंकने के मूड में दिखाई नहीं दे रहा है और सिद्धू का यह कदम उनके लिए आत्मघाती कदम (suicidal move) साबित हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आलाकमान सिद्धू को मनाने की बजाय अब नए विकल्प पर मंथन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि नए विकल्प के तौर पर रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) का नाम आगे आ सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू के इस्तीफे से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा सकता है। हालांकि अब तक शीर्ष नेतृत्व ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। लेकिन अगर वह नहीं मानें तो सख्त कदम भी उठाया जा सकता है। इस बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। खबरों की मानें तो आज की कैबिनेट में जो मंत्री नहीं आएंगे उनपर भी कार्रवाई हो सकती है।
इतना ही नहीं पार्टी नेतृत्व ने सिद्धू से अब तक बात भी नहीं की है। हालांकि, सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया गया है। कहा जा रहा था कि पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Punjab in-charge Harish Rawat) बुधवार को चंडीगढ़ जाएंगे लेकिन फिलहाल उनका दौरान भी टल गया है, जिसके बाद यह स्पष्ट है कि इस बार कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से हुई किरकिरी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद सिद्धू को इसी साल 23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में चन्नी सरकार के मंत्री सहित कई बड़े नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लग गई। सिद्धू के करीबी माने जाने वाली एक मंत्री के साथ ही अन्य तीन कांग्रेसी नेताओं ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।