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जीत की दहलीज तक पहुंचने की कोशिश में कांग्रेस, कन्हैया-जिग्नेश को आज दिलाएगी सदस्यता

नई दिल्ली। एक के बाद एक लगातार चुनाव हार से परेशान कांग्रेस (Congress) अब एक और नया प्रयोग (new experiment) करने जा रही है। पार्टी आंदोलन से निकलने वाले युवाओं को संगठन में जगह देकर चुनावों में जीत की दहलीज तक पहुंचना चाहती है। इसी कड़ी में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar, former student leader of JNU) और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी (Gujarat’s independent MLA Jignesh Mevani) आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। खबर यह भी है कि कन्हैया आज दोपहर कांग्रेस का हाथ थामेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कन्हैया कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। परंतु इसमें राहुल गांधी मौजूद रहेंगे या नहीं इस बारे जानकारी नहीं मिली है। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी पार्टी की पूरे देश में युवाओं (youth) को साथ जोड़ने की योजना का हिस्सा हैं। पार्टी हर राज्य में युवाओं में साथ जोड़ने के लिए महाभियान चलाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि हाल ही में कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज हो गई थीं।

यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस ने सियासत में नए प्रयोग करने की कोशिश की है। इससे पहले भी पार्टी कई प्रयोग कर चुकी है। हालांकि, इन सभी प्रयोगों के परिणाम बहुत उत्साहजनक नहीं रहे हैं। बहरहाल, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कन्हैया सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेंगे उन्हें पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भी मैदान में उतार सकती है। बताया जा रहा है राहुल गांधी से पहले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) से भी मुलाकात की थी।





ज्ञात हो कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष 2007 में पार्टी महासचिव के तौर पर यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई में आंतरिक चुनाव की शुरूआत की थी। इसका लक्ष्य संगठन में जमीनी युवा कार्यकर्ताओं को आगे बढने का मौका देना था। यह एक अच्छा प्रयास था, पर प्रदेशों में वरिष्ठ नेताओं के परिवारों से ताल्लुक रखने वाले युवा धनबल के जरिए खुद चुनाव जीतकर पदाधिकारी बन गए।

पीके ने राहुल को दी थी राय
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने ही राहुल गांधी को राय दी थी कि पुराने नेताओं का असर अब पार्टी में समाप्त हो गया है, इसलिए युवाओं को मौका देना चाहिए। इसलिए कन्हैया और जिग्नेश की कांग्रेस में एंट्री हो रही है। बता दें कि कन्हैया कुमार बीते डेढ़ सालों से राजनीति में कम सक्रिय हैं।

खुलकर बोलने से कतरा रहे बिहार के नेता
उधर, बिहार में कांग्रेस के नेता कन्हैया की एंट्री पर कुछ भी खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। बताया जा रहा है कई वरिष्ठ नेता कन्हैया के आने से अपनी वैल्यू कम होने की आशंका जता रहे हैं। बता दें कि इससे पहले कन्हैया कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता अशोक चौधरी से भी मुलाकात की थी। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।

2019 का नहीं जीत पाए थे चुनावी
बता दें फरवरी में हैदराबाद में CPI की अहम बैठक हुई थी। इसमें कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। इस घटनाक्रम के बाद कन्हैया की जदयू नेता से मुलाकात को अहम माना जा रहा था। बता दें कि कन्हैया बेगूसराय के रहने वाले हैं। उन्होंने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे।

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