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पंजाब में फिर गलती नहीं दोहराएगा कांग्रेस हाईकमान: सिद्धू को दरकिनार कर दूसरे नेताओं को देगा मौका, बैठक आज

नई दिल्ली चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के एक बार फिर मंथन का दौर शुरू हो गया है। इसके केन्द्र पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा इस्तीफा देने के लिए कहने के एक दिन बाद 16 मार्च को क्रिकेटर से नेता बने राहुल ने पार्टी के पंजाब प्रमुख का पद छोड़ दिया है। इन सबके बावजूद भी वह एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनने की जोर आजमाइश करने लगे हैं। लेकिन पार्टी हाईकमान फिर गलती दोहराने के मूड में दिखाई नहीं दे रहा है।

बता दें कि कुछ दिन पहले सिद्धू ने सात कांग्रेस नेताओं को अपने घर आमंत्रित किया। इसी तरह की एक बैठक 26 मार्च को सुल्तानपुर लोधी के पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा के घर पर हुई थी, जिसमें 24 ऐसे नेता मौजूद थे। जिसके बाद से कयास लगाए जाने लगे हैं कि सिद्धू एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए लॉबिंग करने लगे हैं। वहीं अब सोनिया गांधी ने आज पंजाब के पार्टी सांसदों की मीटिंग दिल्ली में बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में वह प्रदेश अध्यक्ष के लिए नए चेहरे पर चर्चा कर सकती हैं।

नए प्रदेश अध्यक्ष के नामित होने से पहले सूबे में कई ग्रुप एक्टिव हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार हाईकमान नए चेहरे पर ही दांव चलने के मूड में है। इसकी वजह यह है कि पार्टी लीडरशिप किसी भी तरह की गुटबाजी से बचना चाहती है। फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष के लिए सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम चल रहा है। इसके अलावा मंत्री रहे अमरिंदर राजा वारिंग का नाम भी रेस में माना जा रहा है।





पंजाब कांग्रेस के एक सीनियर नेता का कहना है कि इस सप्ताह के अंत तक प्रदेश अध्यक्ष का फैसला हो सकता है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू बीते कई दिनों से लगातार नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे हैं और बरगाड़ी केस समेत कई मामलों में पर बयानबाजी भी कर रहे हैं। यही नहीं चंडीगढ़ को लेकर भी वह आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं। उनका कहना है कि चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा है।

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे और विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उनसे इस्तीफा ले लिया गया था। इस हार को लेकर पंजाब के कई नेताओं ने उन पर निशाना साधा था। रवनीत सिंह बिट्टू ने तो उन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि कुछ लोगों ने गधों के हाथों शेर मरवा दिए। हार के बाद पार्टी लीडरशिप ने सभी 5 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों समेत नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा मांग लिया था। इस पर सिद्धू ने एक ही लाइन लिखते हुए ट्विटर पर ही इस्तीफा देने की जानकारी दी थी।

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