गांधी परिवार के नेतृत्व पर विश्वास, पर पार्टी को मजबूत करने बड़े कदम उठाने की जरूरत: बोले हार्दिक पटेल
नयी दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बाद राष्ट्रीय विकल्प के तौर पर उसके भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इस बीच गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने रविवार को कहा कि पार्टी को अपनी कार्यपद्धति में बदलाव करने की जरूरत है। इसके साथ ही ‘जी 23’ समूह के नेताओं समेत सभी से बातचीत करके पार्टी को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
हार्दिक पटेल ने आगे कहा, ये बहुत हैरान करने वाले चुनाव परिणाम हैं, खासतौर पर पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में… मुझे लगता है कि इन चुनावों में हमारी जो रणनीति थी उसमें हम विफल साबित हुए। यह हमारे लिए चिंतन का विषय है। पटेल ने कहा, हमें अब कहीं न कहीं अपनी राजनीति बदलनी चाहिए। वहीं उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए यह भी कहा कि पार्टी के भीतर निर्णयों में विलंब नहीं होना चाहिए तथा वरिष्ठ नेताओं एवं युवाओं के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए।
पार्टी नेतृत्व पर उठ रहे सवालों पर पटेल ने कहा, पूरे चुनाव में राहुल जी और प्रियंका जी ने बहुत मेहनत की। जो सवाल उठा रहे हैं उन लोगों ने कितनी मेहनत की? कांग्रेस के नेता जो सवाल उठा रहे हैं, उन्होंने कांग्रेस की मदद के लिए क्या किया? यह पूछे जाने पर कि फिलहाल पार्टी को क्या जरूरी कदम उठाने चाहिए तो गुजरात के युवा नेता ने कहा, (कांग्रेस में) निर्णय लेने में समय लग जाता है, उस पर काम होना चाहिए। निर्णय जल्द होना जरूरी है। वरिष्ठ नेताओं और युवाओं के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए। जो लोग पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनको बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
बता दें कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करके सुर्खियों में आये पटेल ने मार्च, 2019 में कांग्रेस में शामिल होकर सक्रिय राजनीति की शुरुआत की। वह जुलाई, 2020 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गए। आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में दोषी करार दिए जाने के कारण फिलहाल वह चुनाव नहीं लड़ सकते। बता दें कि कांग्रेस ने हालिया चुनावों में पंजाब की सत्ता खो दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार झेलनी पड़ी।
कांग्रेस के संगठन में बदलाव की जरूरत से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, कांग्रेस में बदलाव की जरूरत नहीं है, कार्यपद्धति में बदलाव लाने की जरूरत है। सोनिया जी का नेतृत्व हो या चाहे प्रियंका जी या राहुल जी का नेतृत्व हो, वो सही है। राज्य के नेतृत्व की गलती हम मान सकते हैं। हर राज्य में गुटबंदी हो गई है । राज्यों में हर नेता अपनी-अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लगा है… ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि सब बैठकर यह तय करें कि मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है।