अधीर के बाद गहलोत का सिब्बल पर पलटवार: बोले- उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण, ऐसे समय में नेताओं को होना चाहिए एकजुट
जयपुर। पांच राज्यों में मिली करारी पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर बड़ा हमला होला है। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि घर की नहीं बल्कि सब की कांग्रेस होना चाहिए। जिसके कांग्रेस कुछ नेता सिब्बल पर हमलावर हो गए हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन पर पलटवार किया है।
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि ‘पार्टी जब चुनाव हार रही है तो ऐसे समय में नेताओं को एकजुट होना चाहिए।’ गहलोत ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे समय में जब पार्टी चुनाव हार रही है तो नेताओं को एकजुट होना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि गांधी परिवार को पार्टी से अलग हटकर किसी अन्य नेता को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भाजपा से लड़ सकती है। राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वह लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, देश में केवल दो व्यक्ति ही शासन कर रहे हैं और उनका दृष्टिकोण ‘बहुत खतरनाक’ है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुकाबला करने के लिये कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की जरुरत है।
इधर, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, कि कपिल सिब्बल एहसान फरामोश हैं। गांधी परिवार ने सिब्बल को सिब्बल बनाया है, लेकिन अपने बयानों से वह भाजपा को मौका दे रहे हैं। अगर उनका मकसद सिर्फ राज्यसभा जाना है, तो भाजपा से चले जाएं।
कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर बोला हमला
कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सब की कांग्रेस’ हो। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया, क्योंकि इसका अंदाजा मुझे पहले से था। 2014 से हम लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जिन राज्यों में हम सफल हुए वहां भी कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए। इस बीच कुछ प्रमुख लोगों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। 2014 से अब तक करबी 177 सांसद और विधायक के साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है