नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का मंगलवार को 7वां दिन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। उनके निशाने पर राहुल गांधी भी रहे। राहुल गांधी द्वारा हिन्दुओं को लेकर दिए बयान पर पीएम ने जोरदार पलटवार किया। और सवाल पूछा कि इस देश के हिंदुओं के साथ ये है आपका व्यव्हार? वहीं अपने भाषण के दौरान मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि यह लगातार तीसरी बार है जब कांग्रेस पार्टी 100 का आंकड़ा नहीं पार कर सकी है। हालांकि इस दौरान विपक्ष वेल में आकर लगातार हंगामा करता रहा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कहा आज एक गंभीर विषय पर आपका और देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कल जो संसद में हुआ, देशवासी इसे सदियों तक माफ नहीं करेंगे। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंदजी ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है। विवेकानंदजी ने शिकागो में हिंदू धर्म के लिए दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था। हिंदू के कारण ही भारत की विविधता पनपी है और पनप रही है। गंभीर बात है कि आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है। गंभीर ष्ड्यंत्र हो रहा है। ये कहा गया हिंदू हिंसक होते हैं, ये हैं आपके संस्कार? ये है आपका चरित्र? ये है आपकी सोच? ये है आपकी नफरत? इस देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे? ये देश शताबदियों तक इसे भूलने वाला नहीं है।
यह हिन्दुस्तान सदियों से करता है शक्ति की उपासना
कुछ दिन पहले हिंदुओं में जो शक्ति की कल्पना है, उसके विनाश की घोषणा की गई थी। आप किस शक्ति के विनाश की बात करते हैं। ये हिंदुस्तान सदियों से शक्ति की उपासना करता है। ये बंगाल मां काली की उपासना करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बचपन से सीखते हुए आए हैं। गांव का हो, शहर का हो। गरीब हो, अमीर हो। इस देश का हर बच्चा-बच्चा ये जानता है ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है। ईश्वर का कोई भी रूप निजी स्वार्थ के लिए प्रदर्शन के लिए नहीं होता है। जिसके दर्शन होते हैं, उसके प्रदर्शन नहीं होते हैं। हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ देशवासियों के दिलों को चोट पहुंचा रहा है। निजी राजनीति स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस प्रकार का खेल। ये देश कैसे माफ कर सकता है? सदन के कल के दृश्यों देखकर अभी हिंदू समाज को भी सोचना होगा क्या ये अपमानजनक बयान संयोग है या कोई प्रयोग की तैयारी है? ये हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा। हमारी सेनाएं देश का अभिमान हैं। सारे देश को उनके साहस और हमारी सेना की वीरता पर गर्व है।
यह हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा
पीएम मोदी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों का झूठ हमारे देश के नागरिकों की विवेकबुद्धि पर आशंका व्यक्त करता है। इनका झूठ देश के सामान्य विवेद बुद्धि पर एक तमाचा मारने की निर्लज हरकत है। ये हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा है। आदरणीय सभापति जी, सदन में शुरू हुई झूठ की परंपरा पर कठोर कार्रवाई करेंगे, ये देशवासियों की भी और इस सदन की भी अपेक्षा है। कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर भी हमेशा झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि आज मैं 140 करोड़ देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता हूं। आपातकाल का ये 50वां वर्ष है। इमरजेंसी सिर्फ और सिर्फ सत्ता के लोभ के खातिर, तानाशाही मानसिकता के कारण देश पर थोपा गया तानाशाही शासन था। कांग्रेस क्रूरता की सभी हदें पार कर गई। उसने अपने ही देशवासियों पर क्रूरता का पंजा फैलाया था। और देश के ताने-बाने के छिन्न-विछिन्न करने का पाप किया। सरकारों को गिराना, मीडिया को दबाना, हर कारनामे संविधान की भावना के खिलाफ, संविधान की धाराओं के खिलाफ, संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ थी।
डीएमके पर भी पीएम मोदी का हमला
इन्होंने हिंदू आतंकवाद के शब्द को गढ़ने की कोशिश की। इनके साथी हिंदुओं की तुलना मलेरिया से करें और ये लोग तालियां बजाएं, ये देश कभी माफ नहीं करेगा। एक सोची-समझी रणनीति के तहत इनको पूरा ईकोसिस्टम हिंदुओं का मजाक उड़ाना, उन्हें नीचा दिखाना, उस सिस्टम ने इसे फैशन बना दिया है।
पीएम ने 3 किस्से सुनाए, निशाने पर रहे राहुल ही
पहला किस्सा: पीएम ने राहुल का नाम लिए बिना एक किस्सा सुनाया। कहा, ‘कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला। वह गिर गया, रोने लगा तो कोई बड़ा आकर कहता है कि देखो चींटी मर गई, चिड़िया मर गई। ऐसा कहकर बड़े बच्चे का मन बहला देते है। आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है।’
दूसरा किस्सा: पीएम ने कहा- 1984 के चुनावों को याद कीजिए। तब से 10 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। तब से कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आता है। एक बच्चा 99% मार्क्स लेकर घूम रहा था। लोगों की वाहवाही ले रहा था। टीचर ने कहा कि ये 100 में से 99 नंबर नहीं लाया, 543 में से लाया है।
तीसरा किस्सा: मोदी ने कहा, ‘एक बच्चा स्कूल से आया और जोर-जोर से रोने लगा। मां भी डरी कि क्या हो गया। बच्चा बोला- मुझे स्कूल में उसने मारा, इसने मारा, वह जोर-जोर से रोने लगा। मां ने पूछा कि बेटा, बात क्या थी। बच्चा यही बोला कि मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चे ने ये नहीं बताया कि उसने किसी को मां की गाली दी थी, किसी की किताब फाड़ दी थी, किसी का टिफिन चुराकर खा गया था। सदन में कल हमने यही बचकानी हरकत देखी है। कल यहां कहा गया- मुझे इसने मारा, उसने मारा, यहां मारा, वहां मारा। सिम्पैथी हासिल करने के लिए नया ड्रामा खेला गया। जो सच्चाई जानते हैं कि वे हजारों करोड़ रुपए की हेराफेरी में जमानत पर बाहर हैं। ये ओबीसी लोगों को चोर बताने के मामले में सजा काट चुके हैं। इन्हें देश की सर्वोच्च अदालत से गैर-जिम्मेदाराना बयान देने पर माफी मांगनी पड़ी है।’