नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निध हो गया है। उन्होंने शनिवार की देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। 93 साल के नटवर सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में होगा। नटवर सिंह के अंतिम संस्कार में होने के लिए परिवार के लोग दिल्ली के रवाना हो गए है। जबकि बेटा उनके साथ ही है। नटवर सिंह के निधन की खबर आते ही कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ गई है। नटवर सिंह को 1984 में ं देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान- पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
बता दें कि पूर्व कांग्रेस सांसद और राज्यसभा सदस्य रहे नटवर सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार के दौरान 2004-05 की अवधि के लिए भारत के विदेश मंत्री थे। बता दें कि नटवर सिंह एक प्रमुख कांग्रेसी थे, जिन्होंने यूपीए के दौर में डॉ. मनमोहन सिंह के अधीन काम किया था. विदेश मंत्री बनने से पहले नटवर का बतौर नौकरशाह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में 31 वर्ष का कार्यकाल रहा। उन्होंने 1953 में भारतीय विदेश सेवा अधिकारी के रूप में सेवाएं देनी शुरू कीं और अमेरिका, चीन (पेइकिंग) और संयुक्त राष्ट्र समेत कई अहम जगहों पर पदस्थापित रहे।
कांग्रेस में शोक की लहर
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने नटवर सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व विदेश मंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन की खबर दुखद है। ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। सुरजेवाला ने नटवर सिंह की एक तस्वीर भी पोस्ट की। गौरतलब है कि सिंह राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले थे। उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से पढ़ाई की। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है।
राजनयिक के रूप में उल्लेखनीय रहा है करियर
31 साल के कार्यकाल में उन्होंने अमेरिका, पोलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान, चीन, जमैका व जाम्बिया सहित कई देशों में सेवाएं दीं। वह 1984 में विदेश सेवा से त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद नटवर सिंह ने इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की।