ब्रिस्बेन। कनाडा में हिंदू मंदिर और हिंदू समुदाय के लोगों पर खालिस्तानियों के हमले की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा को खरी-खरी सुनाई है। गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों आॅस्ट्रेलिया के आधिकारिक दौरे पर हैं और वहीं से उन्होंने कनाडा को खरी-खरी सुनाई है। बता दें कि इससे पहले सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ‘भारत चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की आलोचना की थी। साथ ही अपने बयान में कहा था कि मैं उम्मीद करता है कि हिंसा में शामिल लोगों पर कनाडाई सरकार द्वारा ‘मुकदमा चलाया जाएगा’।
अब मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल में पोस्ट डालकर हिन्दुओं पर हुए हमले को लेकर कनाडा सरकार को आड़े हाथों लिया है और घटना को चिंताजनक बताया है। उन्होंने लिखा कि ‘मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के कायराना प्रयास भी उतने ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकते। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून व्यवस्था बनाए रखेगी।’
वहीं कनाडा में जारी घटनाक्रम को लेकर जयशंकर ने कहा,’कनाडा ने बिना जानकारी दिये आरोप लगाने का एक पैटर्न डेवलप कर लिया है।’ विदेश मंत्री ने आगे कहा,’इंडियन डिप्लोमैट्स पर निगरानी रखी जा रही है, जो अस्वीकार्य है। कनाडा में चरमपंथी ताकतों को पॉलिटिकल स्पेस दिया जा रहा है। बता दें कि कनाडा में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले की यह घटना ऐसे समय हुई है, जब भारत और कनाडा के संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं और इस घटना ने संबंधों में और खटास ला दी है। हालांकि घटना को लेकर कनाडा सरकार दबाव में है और खुद पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी इसकी आलोचना की है।
हिंदू मंदिर पर हुआ था हमला
उल्लेखनीय है कि सोमवार को कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में कॉन्सुलेट कैंप का आयोजन किया था। इस कैंप के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने हाथ में खालिस्तानी झंडा लेकर विरोध प्रदर्शन किया और कैंप में मौजूद भारतीयों पर हमला किया और उन्हें मारा-पीटा। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें खालिस्तान समर्थक भारतीयों पर हमला करते नजर आ रहे हैं। इस घटना के बाद कनाडा में रह रहे हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। कनाडा के नेता विपक्ष ने भी घटना की आलोचना की और इसे अस्वीकार्य बताया। वहीं पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।