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पड़ोसी देशों के लिए बुरी खबर: रूस से भारत पहुंचा यह खतरनाक मिसाइल सिस्टम, हवाई खतरों से भी निपटने में सक्षम

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ साजिश (conspiracy against india) रचने वालों के लिए अब बुरी खबर आ गई है। रूस (Russia) से भेजी गई एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 (Air Defense System S-400) की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने इस खतरनाक मिसाइल सिस्टम के पहले स्क्वाड्रन (squadron) को पंजाब सेक्टर (Punjab Sector) में तैनात किया गया है। पंजाब में तैनाती के बाद अब पड़ोसी देश चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की हर देश विरोधी गतिविधियों का जवाब दिया जाएगा। यह मिसाइल सिस्टम दोनों देशों के मिसाइल खतरों (Missile Hazards) से भी निपटने में सक्षम होगा।

सरकार के सूत्रों ने बताया है कि रूसी मिसाइल सिस्टम के पार्ट्स इस महीने की शुरूआत में भारत पहुंचने लगे थे और अगले कुछ हफ्ते में इसकी यूनिट भी शुरू हो जाएगी। भारत और रूस के बीच S-400 मिसाइल सिस्टम के लिए करीब 35000 करोड़ रुपए की डील हुई है। यह एयर डिफेंस सिस्टम (air defense system) 400 किमी तक हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है। भारत को रूस से इसके पांच स्क्वाड्रन मिलेंगे। सूत्रों ने बताया कि मिसाइल सिस्टम के पार्ट हवाई और समुद्री रास्ते से भारत पहुंचे हैं और इन्हें जल्द से जल्द तय जगहों पर तैनात किया जाएगा।

3 सेकंड में 2 मिसाइल छोड़ी जा सकती हैं
S-400 के लॉन्चर से 3 सेकंड में 2 मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं। इससे छूटी मिसाइलें 5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से छूटती है और 35 किलोमीटर की ऊंचाई तक वार कर सकती हैं। इसके आने से भारत की उत्तरी, उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी सीमा को सुरक्षा मिलेगी। ये मिसाइल जमीन से हवा में भी मार करने में सक्षम है। जिससे भारत की मारक क्षमता पहले और ज्यादा मजबूत हो जाएगी। एस-400 में सुपरसोनिक और हाइपर सोनिक मिसाइलें (Supersonic and Hyper Sonic Missiles) होती हैं। जो टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम हैं। इस मिसाइल सिस्टम को दुनिया के सबसे आधुनिक हथियारों में गिना जाता है।





अक्टूबर 2019 में हुआ था समझौता
भारत ने रूस के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम के लिए अक्टूबर 2019 में समझौता किया था। इसके तहत 5.43 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) में पांच S-400 रेजिमेंट खरीदी जाएगी।

क्या है इसकी खासियत?

  • इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बड़े आसानी से सड़क के जरिए एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है।
  • यह मिसाइल सिस्टम निर्देश मिलने के पांच से 10 मिनट के भीतर ही आपरेशन के लिए तैयार हो जाता है।
  • यह मिसाइल सिस्टम दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है।
  • यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम सर्विलांस रडार (surveillance radar) से लैस होता है। जिसकी वजह से यह अपने तैनाती वाले इलाके में एक सुरक्षा घेरा बना लता है।
  • यह सर्विलांस रडार के जरिए दुश्मनों को मिसाइल और विमान को डिटेक्ट करता है और अलर्ट भेज देता है। जिसके बाद निर्देश मिलते ही यह काउंटर अटैक कर दुश्मनों के मिसाइल को हवा में ध्वस्त करने में सक्षम है।

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