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एयर इंडिया की 70 साल बाद फिर हुई घर वापसी, टाटा ग्रुप ने जीती बोली

नई दिल्ली। टाटा संस (Tata Sons) ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Government aviation company Air India) के लिए बोली जीत ली है और 70 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया की घर वापसी हो गई है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट (Tata Group and SpiceJet) ने बोली लगाई थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट (Bloomberg report) के अनुसार अब एक बार फिर टाटा ग्रुप 70 साल बाद एयर इंडिया मालिक बन गया है। रिपोर्ट के मंत्रियों के पैनल ने एयर इंडिया के अधिग्रहण का प्रस्ताव (Air India acquisition proposal) स्वीकार कर लिया है। अब जल्द ही कंपनी के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

बता दें कि यह दूसरा मौका है जब सरकार एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है। इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था। हांलाकि अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय (ministry of civil aviation) से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।अगर ऐसा हुआ है तो कर्ज में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के हाथों में चली जाएगी।





दिसंबर तक मिल जाएगी टाटा को!
दरअसल, एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आखिरी तिथि 15 सितंबर थी। इस एयरलाइन के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों में टाटा संस भी शामिल थी। सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यानी दिसंबर तक यह कंपनी टाटा सन्स को सौंपी जा सकती है। एयर इंडिया के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स (financial bids) मंगवाई थीं। ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है।

आपको बता दें कि जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी। 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई। इस तरह एयर इंडिया पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई। अब एक बार फिर टाटा ग्रुप की टाटा संस ने इस एयरलाइन में दिलचस्पी दिखाई है।

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