तोक्यो ओलंपिक के बाद मणिपुर को ये प्रेरणा देने की उम्मीद नीलकांता को
भारत ने तोक्यो में कांस्य पदक जीता जो ओलंपिक में हॉकी में 41 साल बाद मिला पदक है । इससे पहले भारत ने मॉस्को ओलंपिक 1980 में कांस्य पदक जीता था ।
हॉकी इंडिया (Hockey India) ने एक विज्ञप्ति में कहा ,‘‘ मणिपुर हॉकी में काफी क्षमता है । प्रदेश में कई अच्छी चीजें हो रही है और अच्छा बुनियादी ढांचा तैयार करने पर फोकस है ।मुझे उम्मीद है कि तोक्यो ओलंपिक में मेरे प्रदर्शन से मेरे प्रदेश के युवाओं को हॉकी खेलने की प्रेरणा मिलेगी ।’’
चार साल पहले सीनियर टीम में आये नीलाकांता का मानना है कि लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करना ही सफलता की कुंजी है । उन्होंने अगले साल बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे सीनियर टीम के साथ पिछले कुछ साल में अपने प्रदर्शन पर आत्ममंथन करने का मौका मिला । मुझे लगता है कि मैं खुशकिस्मत हूं जो भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला । मैने उनसे बहुत कुछ सीखा है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ कोच ने हर खिलाड़ी को एक भूमिका दी है और मैं बस उस पर खरे उतरने की कोशिश करता हूं । मुझे लगता है कि अभी भी प्रदर्शन में काफभ् सुधार की गुंजाइश है । हम ओलंपिक में अपने प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे । मुझे टीम बैठकें बहुत पसंद है क्योंकि सभी अपनी राय देते हैं और एक दूसरे से सीखते हैं ।’’