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भारी बारिश बन रही काल: वाराणसी में जल प्रलय जैसे हालात, गांव के गांव बने टापू

वाराणसी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्थान (Rajsthan) में हुई भारी बारिश (Havy Rain) के बाद डेमों से छोड़े गए पानी के कारण उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों में जल प्रलय जैसे हालात हो गए हैं। यूपी में सबसे बुरा हाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिले (Varanasi District) का हैं। यहां पर नदियों के उफान में आने से गांव के गांव टापू बन गए हैं। बताया जा रहा है कि दो प्रमुख नदियां गंगा और यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर जा पहुंची हैं और इनका जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

खबर के मुताबिक वाराणसी जिले के रमना गांव की स्थिति ऐसी है कि वहां पर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। यहां पर लोगों को बचाने के लिए नावों का दौड़ानी पड़ रही है। गांव के ज्यादातर हिस्सों में गंगा नदी (Ganges River) में अपना कब्जा जमा लिया है। इस बीच अब वहां पर ग्रामीणों का गुस्सा भी फूट गया है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान की अगुवाई में तटबंध न बनने की स्थिति में, 2022 विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार (boycott of voting) करने की धमकी दे डाली है।

70 फीसदी खराब हुई सब्जी की फसल
गांव के ही एक किसान ने बताया कि खेत में केवल 30 प्रतिशत ही सब्जियां बच सकी हैं, जिन्हे तोड़कर ला रहें है। सुबह मंडी ले जाकर बेचने पर न जाने क्या दाम मिलेगा? एक अन्य किसान अमनदीप ने कहा कि करेला, सेम, नेनुआ और भुट्टे की खेती उन्होंने की थी। बाढ़ की वजह से केवल 30-35 फीसदी फसल ही बची है।





अंतिम संस्कार के लिए नहीं बची जगह
गांव को जोड़ने वाले दो मार्ग, पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। सिर्फ एक ही सड़क के जरिए गांव में आवागमन हो पा रहा है. वाराणसी में गंगा में लगातार बढ़ाव जारी है। गंगा खतरे के निशान से आधे मीटर से भी ऊपर बह रही है। बाढ़ की वजह से रमना गांव का आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सामुदायिक शौचालय और गंगा किनारे बना अंत्येष्टि स्थल जलमग्न हो चुका है।

नहीं बना तटबंध तो वोटिंग का बहिष्कार
बातचीत में किसानों ने कहा कि उनके गांव की आबादी 40 हजार है। मतदाता लगभग 15 हजार हैं। ऐसे में अगर उनके गांव और गंगा के रास्ते तटबंध नहीं बनाया जाएगा तो वे अपने ग्राम प्रधान की अगुवाई में कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे। लोग वोटिंग का बहिष्कार कर देंगे। त्रासदी की स्थिति यह रही कि बातचीत के दौरान ही कुछ लोग एक नन्हे बच्चे को प्लास्टिक के टब में बैठाकर बाढ़ की पानी को पार करते दिखे।

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