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अफगान में अमेरिकी दूत खलीलजाद ने छोड़ा पद, तालिबान से दोस्ती का लगा है बड़ा आरोप

वाशिंगटन। अफगान (Afghan) शांति प्रक्रिया में अमेरिका (America) की तरफ से नियुक्त किए दूत जलमय खलीलजाद (Messenger Jalmay Khalilzad) ने अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया। ब्लिंकन ने यह जानकारी दी है। वहीं नए दूत के रूप में थॉमस वेस्ट (Thomas West) की नियुक्ति की गई है। ब्लिंकन को दिए अपने पत्र में खलीलजाद ने कहा कि अफगानिस्तान की नई नीति के दौरान वह अलग हटना चाहते हैं। खलीलजाद ने कहा कि हमने तालिबान (Taliban) से बातचीत करने की हरसंभव कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं रह सकी।

खलीलजाद ने बताया कि अफगान सरकार और तालिाबन के बीच राजनीतिक व्यवस्था (political system) कल्पना के मुताबिक पूरी नहीं हो पाई है। ने कहा कि आने वाले दिनों में मैं इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करूंगा। खलीलजाद का जन्म अफगानिस्तान (Afghanistan) में ही हुआ था और वे पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (Former President George W Bush) के शासनकाल में वरिष्ठ पदों पर रहे थे। बता दें कि खलीलजाद पर कई अधिकारियों ने तालिबान से दोस्ती का आरोप लगाया है। कई अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि खलीलजाद अमेरिका की राजनयिक विफलताओं का सबसे बड़ा चेहरा हैं।

खलीलजाद पर कई अधिकारियों ने तालिबान से सांठगांठ का आरोप लगाया है। कई अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि खलीलजाद अमेरिका की राजनयिक विफलताओं के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने तालिबान के साथ मिलकर पूर्व अफगान सरकार को कमजोर किया और अमेरिकी सरकार की सलाह को सुनने पर बहुत कम ध्यान दिया।





खलीलजाद ही वह व्यक्ति था जिसने कतर (Qatar) में तालिबान के साथ बातचीत का नेतृत्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप इस्लामिक समूह और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Former US President Donald Trump) के बीच मई 2020 तक अमेरिकी सैनिकों को पूरी तरह से वापस लेने के लिए दोहा समझौता हुआ। लेकिन शांति वार्ता के दौरान तालिबान पर पर्याप्त दबाव नहीं डालने के लिए उनकी आलोचना की गई। खलीलजाद वर्ष 2007 से 2009 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त थे।

जानिए कौन हैं नए अमेरिकी दूत थॉमस वेस्ट
इससे पहले थॉमस वेस्ट अफगानिस्तान के उप विशेष प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत थे, अब वे अफगानिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि(दूत) होंगे। इसके अलावा थॉमस उपराष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के कर्मचारियों में कार्यरत रह चुके हैं। नई जिम्मेदारी के तहत वे अब अफगानिस्तान में अमेरिका की तरफ से राजनयिक प्रयासों का नेतृत्व करेंगे, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सचिव और सहायक सचिव को सलाह देंगे और अमेरिका के साथ मिलकर समन्वय करेंगे।

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