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भारत के लिए सिल्वर जीतने वाले पहले आईपीएस अधिकारी बने सुहास, भारत को दिलाया 18वां मेडल

टोक्यो। टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) का आज आखिरी दिन है। नोएडा के डीएम और आईपीएस अधिकारी (Noida DM and IPS officer)सुहास यथिराज (suhas yathiraj) ने आज अंतिम दिन भारत (India) के लिए इतिहास रच दिया है। उन्होंने सिल्वर मेडल (silver medal) जीतने के साथ ही उन्होंने भारत की झोली में 18वां मेडल डाल दिया है। आज खेले गए फाइनल मुकाबले में फ्रांस के वर्ल्ड नंबर-1 लुकास मजूर (Lucas Mazur) ने 63 मिनट में सुहास को 15-21, 21-17, 21-15 से हराया। लेकिन इसके बाद भी सुहास पैरालंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले IAS अधिकारी बन गए हैं।

38 साल के सुहास ने पैरालंपिक के बैडमिंटन प्रतियोगिता (badminton competition) में प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) के गोल्ड के बाद सिल्वर मेडल (silver medal) दिलाया। टोक्यो खलों में भारत के पदकों की संख्या 18 हो गई। भारत के खाते में अब 4 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक हैं। यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रियो पैरालंपिक (Rio Paralympics) (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण (2 gold) सहित 4 पदक जीते थे। SL वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें खड़े होने में दिक्कत हो या निचले पैर का विकार हो, जबकि SU में ऊपरी हिस्से के विकार वाले एथलीट खेलते हैं।





इससे पहले सुहास ने कल शनिवार को सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने से पहले ग्रुप चरण में तीन मैच खेले और एक मुकाबले को छोड़कर सभी में उनका शानदार प्रदर्शन रहा। पहले दो मैचों को 20 मिनट से भी कम समय में अपने नाम करने वाले सुहास ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान (Freddy Setiawan of Indonesia) को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हराया था। कर्नाटक के 38 साल के सुहास के टखनों में विकार है। कोर्ट के भीतर और बाहर कई उपलब्धियां हासिल कर चुके सुहास कम्प्यूटर इंजीनियर (computer engineer) हैं और 2007 बैच के IAS अधिकारी भी हैं। वे 2020 से नोएडा के जिलाधिकारी हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मोर्चे से अगुवाई कर चुके हैं।

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