इंदौर। इंदौर के महू में गुरुवार की देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां के चोरल गांव में एक निमार्णाधीन फार्म हाउस की छत गिरने से आधा दर्जन मजदूर मलबे में दब गए। मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। कई जेसीबी और पोकलेन मशीन मलबा हटाने में लगी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार अब तक 5 मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं। हालांकि मौतों को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि हादसा गुरुवार देर रात हुआ, लेकिन हादसे की जानकारी शुक्रवार सुबह तब हुई जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी सिमरोल पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती करवाया है। आसपास के गांव के ग्रामीण मदद कर रहे हैं। मौके पर मौजूद पटवारी प्रकाश सोनी ने बताया कि खसरे पर फार्म हाउस मालिक का नाम ममता पति कन्हैया लाल और अनाया पति भरत डेमला दर्ज है। वहीं घटनास्थल पर मौजूद एसपी हीतिका वासल ने बताया कि तीन जेसीबी और एक पोकलेन की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा- चोरल में निमार्णाधीन इमारत में गुरुवार को ही स्लैब डाली गई थी। रात को मजदूर उसी के नीचे सो गए। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर हैं। राहत कार्य जारी है।
वकील बनवा रहा था फार्म हाउस
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक इंदौर के एक वकील चोरल में यह फार्म हाउस बनवा रहे थे। फार्म हाउस बनाने के लिए सभी मजदूर इंदौर से ही वहां पर गए थे। कल दिनभर काम करने के बाद मजदूर रात में खाना खाकर निमार्णाधीन छत के नीचे ही सो गए। छत गिरने पर सभी मजदूर दब गए और रात में किसी को पता भी नहीं चला। सुबह जब गांव के कुछ लोग वहां से गुजरे तो उन्हें हादसे की जानकारी मिली। इसके बाद एंबुलेंस को बुलवाया गया और मलबा हटाने का काम शुरू हुआ।
रात भर हुई तेज बारिश, लोहे के एंगल पर थी छत
छत को लोहे के एंगल पर बनवाया जा रहा था। एंगल झुकने से छत गिर गई। लोहे के एंगल छत के सीमेंट कांक्रीट का भार नहीं सह सके, इस वजह से हादसा हुआ। इंदौर में गुरुवार को रातभर तेज बारिश भी हुई। निमार्णाधीन छत इसी वजह से गिरने की संभावना जताई जा रही है। मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने मजदूरों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती करवाया है। कुछ मजदूरों को इंदौर लाया जा रहा है।
इंदौर के रहने वाले हैं मजदूर
यहां काम करने वाले सभी मजदूर इंदौर के रहने वाले थे। गुरुवार को काम खत्म होने के बाद रात में खाना खाकर निमार्णाधीन इमारत में ही सोए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, छत लोहे के एंगल पर डाली गई थी, जो उसका भार नहीं सह सकी।