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इंदौर फिर दे रहा टेंशन: 24 घंटे में मिले 166 नए कोरोना संक्रमित मरीज, नाइट कर्फ्यू को लेकर स्थिति नहीं स्पष्ट

इंदौर। बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 150 के ऊपर संक्रमित निकल रहे हैं। अभी नाइट कर्फ्यू को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। कोरोना की समीक्षा में सीएम ने आज इस पर फैसला लेने की बात कही थी। माना जा रहा है कि एक बार फिर सीएम इंदौर और भोपाल को लेकर कोरोना संक्रमण की समीक्षा करेंगे। संभवत: जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक कर सभी जनप्रतिनिधियोें को साथ लेकर अगली सख्ती को लेकर फैसला होगा।

वहीं, निगम चुनाव को देखते हुए जनप्रतिनिधि बहुत ज्यादा सख्ती के मूड में नहीं हैं। व्यापारी भी अभी किसी तरह के प्रतिबंध के मूड में नहीं है। उनका साफ कहना है कि प्रतिबंध हमेशा कारोबारियों के लिए होते हैं। राजनीतिक आयोजन तो बिना कोविड प्रोटोकाल के हो जाते हैं। वहीं, नाइट कर्फ्यू को लेकर सबसे ज्यादा होटल इंडस्ट्री बेचैन है, बहुत लंबे समय बाद यह इंडस्ट्री पटरी पर आ रही थी। कर्फ्यू होने पर यही सबसे ज्यादा प्रभावित होगी।

166 नए संक्रमित, मौत का आंकड़ा 936
इंदौर में लगातार संक्रमितों की संख्या 150 के ऊपर बनी हुई है। देर रात आई सैंपल रिपोर्ट में 166 संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक मरीज की जान भी गई है। इतने संक्रमित 2155 टेस्ट सैंपल में से आए हैं। 2005 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 28 रिपीट पॉजिटिव पाए गए हैं। जिले में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 1357 हो गई है। अब तक 8 लाख 48 हजार 54 मरीजों के सैंपल जांच जा चुके हैं। इसमें से 60 हजार 886 संक्रमितों में से 58 हजार 597 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। जबकि 936 की जान गई।

नए स्ट्रेन में बदन दर्द, सिर दर्द और बुखार के लक्षण
कोरोेना संक्रमण को लेकर यूके स्ट्रेन के छह मरीज मिलने के बाद से प्रशासन सतर्क हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार पिछले साल स्वाद गायब होने और भूख नहीं लगने के लक्षण सामने आए थे, लेकिन अभी कोरोना के मरीजों में बदन दर्द, सिरदर्द और बुखार की लक्षणों की शिकायतें ज्यादा सामने आ रही है। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग इंचार्ज डॉ. अनिल डोंगरे कहते हैं कि यूके का नया स्ट्रेन घातक नहीं है। सिर्फ संक्रमण दर ज्यादा होती है।

पिछले साल मार्च से इस साल 7 मार्च तक कुल 7 हजार 252 बच्चों से लेकर 20 साल तक के युवा संक्रमित हुए हैं। इनमें पांच साल से छोटे बच्चों की संख्या 854 है। 6 से 10 साल के 1532, 11 से 15 के 2202 और सबसे ज्यादा 16 से 20 साल के 2 हजार 664 युवा चपेट में आए हैं।

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