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आर्थिक संकट से जूझ रही कर्नाटक सरकार: खडगे की अपनी सरकारों को नसीहत- जोश में आकर न दें गारंटियां, वरना हो जाएंगे दिवालिया

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बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। यहां पर कांग्रेस की सरकार है। आर्थिक संकट से जूझ रहे कनार्टक का जिक्र कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने अपनी सरकारों को कड़ी नसीहत दी है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार जोश में आकर कदम ना उठाए। वरना दिवालियापन का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस सरकारें अपने बजट के अनुसार गारंटी की घोषणा करें। दरअसल, खड़गे यहां चुनाव अभियान में कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादों पर चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पार्टी को यह कड़ी नसीहत दी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक में हम लोगों ने पांच गारंटी देने का वादा किया था। इसी की देखा-देखी हमने महाराष्ट्र में भी यही वादा किया। आज आपलोग कह रहे हैं कि एक गारंटी को कैंसिल करना पड़ेगा। उन्होंने नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि शायद आपलोग अखबार नहीं पढ़ते, लेकिन मैंने पढ़ा है। इसलिए यह बातें कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि हम आपकी (कर्नाटक) सरकार के कार्यक्रमों को महाराष्ट्र में दोहराने के लिए काम कर रहे हैं। मैंने उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं) कहा कि पांच, छह, सात या आठ गारंटी के वादे मत करते रहो। इसके बजाय ऐसे वादे करो जो आपके बजट के अनुरूप हों। खड़गे का यह बयान कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के उस सुझाव के बाद आया है जिसमें उसने कहा था कि वह शक्ति योजना की समीक्षा कर सकती है जिसके तहत महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा सुनिश्चित की गई थी।

जोश में आकर न करें गारंटियों की घोषणा
खडगे ने कहा कि आप लोग जोश में आकर इतनी गारंटियों की घोषणा मत करो। उतना ही करो, जितना दे सको। उन्होंने आगे कहा कि अगर सड़कों के लिए पैसे नहीं हैं, तो हर कोई आपके खिलाफ हो जाएगा। अगर यह सरकार विफल हो जाती है, तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा। उन्हें 10 साल तक निर्वासन में रहना होगा। खड़ने ने पार्टी नेताओं को चेताते हुए कहा कि यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा। सड़कों पर रेत डालने के भी पैसे नहीं होंगे। अगर यह सरकार असफल हुई तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। इससे बदनामी होगी और सरकार को अगले दस वर्षों तक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए बजट पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है।

चुनाव में कांग्रेस ने दी थी ये पांच गारंटी
बता दें कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने लोगों के सामने पांच बड़ी गारंटी दी थीं। इनमें गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए, युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट्स को दो साल के लिए 3 हजार रुपए, डिप्लोमाधारकों को 1500 रुपए, अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे हर परिवार को हर महीने प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम चावल, सखी कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा और गृह ज्योति योजना के तहत हर घर को 200 यूनिट मुफ्ट बिजली दिए जाने का वादा किया था।

वित्तीय संकट से जूझ रही है कर्नाटक सरकार
जानकारों का कहना था कि अगर कांग्रेस पांचों गारंटी पूरा करती है तो इससे कर्नाटक का राजस्व घाटा 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा और राज्य के कुल बजट का लगभग साढ़े 21 प्रतिशत भाग है। कर्नाटक पर अभी लगभग पांच लाख करोड़ रुपये का पहले से कर्ज है। ऐसे में ये कर्ज और बढ़ सकता है। बीजेपी का कहना है कि कर्नाटक सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। पिछले साल कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के वक्त कांग्रेस ने जो पांच गारंटी दी थीं, उन्हें पूरा करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इसलिए इस साल नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं दे सकते हैं।

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