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समीक्षा बैठक: ईएमआई में फिर लोगों को नहीं मिली राहत: आरबीआई ने 9वीं बार रेपो रेट में बदलाव न कर दिया झटका

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा (monetary policy review) की बैठक आज बुधवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में हुई। कोरोना वायरस (corona virus) के नए स्वरूप ओमिक्रॉन (Omicron) की दहशत के बीच RBI ने अपना फैसला सुनाया। आरबीआई ने आज लगातार नौंवी बार रेपो रेट में (repo rate) कोई बदलाव न करते हुए लोगों को EMI पर और राहत न देते हुए ब्याज दरों को पहले जैसा ही रखने का ऐलान किया। इस दौरान शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) अब एक बार फिर कोरोना की महामारी से निपटने के पूरी तरह से तैयार है।

बैठक में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 से पॉलिसी रेट को मौजूदा लेवल पर बनाए रखने का समर्थन किया था। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी बैंक की ईएमआई नहीं घटेगी। दरअसल, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो EMI भी कम हो जाती है। वहीं महंगाई के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई हमारे पहले के अनुमान के मुताबिक ही है। रबी की अच्छी फसल होने की वजह से आगे चलकर महंगाई में और राहत मिलेगी। सब्जियों की कीमत में भी कमी आ सकती है। इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई पीक पर जाएगी, लेकिन उसके बाद इसमें नरमी आएगी।





खास बातें

  • महंगाई को लेकर दास ने कहा कि आरबीआई ने 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई मुद्रास्फीति अनुमान 5.3% पर बरकरार रखा
  • भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया है।
  • आरबीआई गवर्नर दास का कहना है कि केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए तरलता का प्रबंधन जारी रखेगा।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा।
  • रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा।
  • रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि टिकाऊ आधार पर महंगाई दर में कमी लाने के लिए पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का फैसला किया गया।
  • गवर्नर दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि प्राइस स्टेबिलिटी आरबीआई का प्रमुख सिद्धांत है क्योंकि यह विकास, स्थिरता को बढ़ावा देता है।

जीडीपी ग्रोथ का ये है अनुमान
रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ (GDP growth) अनुमान 9.5 फीसदी बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक के मुताबिक इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.6% और चौथी तिमाही में 66% रह सकता है। हालांकि अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 की पहली तिमाही में 17.2% की शानदार GDP growth हो सकती है। कई जानकारों ने पहले ही यह कहा था कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी को और मजबूत करने के लिये रिजर्व बैंक दरों में बढ़ोतरी या कमी करने को लेकर कुछ और इंतजार कर सकता है। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 6 दिसंबर को शुरू हुई थी।

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