महंगाई का बड़ा डोज: RBI ने तीन दिन मंथन कर रेपो रेट बढ़ाया, होम लोन से लेकर इन पर दिखेगा असर
नई दिल्ली। तीन दिनों तक चली मैराथन बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने आज अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। इसकी घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की है। उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चली बैठक में इस बार रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले के बाद अब रेपो रेट की दर 4.9% से बढ़कर 5.40% हो गई है। आरबीआई द्वारा लिए गए इस फैसले का असर अब लोगों के होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई में दिखेगा। हालांकि आरबीआई का यह फैसला बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि रिजर्व बैंक मई और जून माह में भी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर चुका है। आरबीआई दोनों ही बार कुल 90 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोत्तरी कर चुका है। बैठक के बाद लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है। हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं। हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 3 अगस्त तक 13.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बड़े पोर्टफोलियो का प्रवाह देखा है। जिसकी कारण आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट 50 बीएसपी बढ़ाकर 5.4% करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि 2022-23 के लिए रियल जीडीपी विकास अनुमान 7.2% है जिसमें क्यू1- 16.2%, क्यू2- 6.2%, क्यू3 -4.1% और क्यू4- 4% व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ होगा। 2023-24 के पहले तिमाही (क्यू1) में रियल जीडीपी वृद्धि 6.7% अनुमानित है। गवर्नर ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स महंगाई दर कुछ ज्यादा रह सकती है, यह 6 फीसदी से ऊपर रह सकती है। वित्त वर्ष 2023 में महंगाई दर को 6.7 फीसदी रहने की संभावना है।
रेपो रेट बढ़ने से महंगे होंगे लोन ईएमआई
ऐसे में ब्याज दर बढ़ने से बैंक आरबीआई से कम पैसा लेंगे और बाजार में मुद्रा के प्रवाह नियंत्रण बना रहेगा। बैंक महंगे दर पर आरबीआई से लोन लेंगे तो वे महंगे दर पर आम लोगों को भी लोन जारी करेंगे। इससे आम आदमी का ईएमआई महंगा होगा। इसे देखते हुए लोग लोन कम लेंगे और कम खर्च करेंगे। इससे बाजार में मांग घटेगी और पूरी प्रक्रिया से महंगाई को नियंत्रित करने से मदद मिलेगी।
महंगाई दर 7.1% से अधिक
बता दें कि जून के महीने में महंगाई की दर 7.01% रही। लगातार छठी बार महंगाई की दर आरबीआई की तय सीमा छह फीसदी से अधिक रही है। इससे पहले मई महीने में खुदरा महंगाई दर 7.04 थी। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय बैंक आरबीआई ने साल 2022-23 के लिए महंगाई दर के अनुमान को भी 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है।
इन कारणों से बढ़ाना पड़ा रेपो रेट
सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों के बाद महंगाई भले ही धीरे-धीरे काबू में आने लगी है, लेकिन दूसरी ओर अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व समेत कई देशों के सेंट्रल बैंक आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में ऐतिहासिक महंगाई के चलते लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है। बैंक आॅफ इंग्लैंड ने भी इसी सप्ताह ब्याज दर में रिकॉर्ड 27 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी (0.50 फीसदी) का ऐलान किया है। इस कारण लगभग सारे एनालिस्ट यह तय मान रहे थे कि रेपो रेट बढ़ेगा ही। ज्यादातर एनालिस्ट का अनुमान था कि रिजर्व बैंक इस बार रेपो रेट को 0.35 फीसदी से 0.50 फीसदी तक बढ़ा सकता है।