ओबीसी आरक्षण पर सरकार की बढ़ी टेंशन: शिवराज ने रद्द की विदेश यात्रा, बताया यह कारण

भोपाल। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले ने मध्यप्रदेश सरकार की बड़ी टेंशन बढ़ गई। दरअसल शीर्ष अदालत ने कल मंगलवार को दिए अपने फैसले में कहा है कि सरकार द्वारा दिए गए आधे-अधूरे आंकड़ों की वजह से पंचायत चुनाव बिना आरक्षण के होंगे। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को यह भी निर्देश दिया है 15 दिन के अंदर चुनाव की तैयारी पूरी कर अधिसूचना जारी करें। बदलते सियासी घटनाक्रम की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा रद्द कर दी है। शिवराज 14 से 22 मई तक विदेश यात्रा पर जाने वाले थे। इसकी जानकारी उन्होंने स्वयं दी है।
सीएम ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने आज विदेश दौरे के संबंध में होने वाली सभी बैठकें भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी हैं। उन्होंने बताया कि वे 14 मई से मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश यात्रा पर जाने वाले थे। लेकिन ओबीसी आरक्षण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष फिर से रखना है और ओबीसी के हितों का संरक्षण उनकी प्राथमिकता है, इसलिए वे प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहे हैं।
उन्होंने अपने बयान में आगे कहा है, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा कल मध्यप्रदेश के स्थानीय निकायों में बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के चुनाव कराने का निर्णय सुनाया है। मेरी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। माननीय न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है। इसलिए राज्य सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय में पुन: संशोधन याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।’
उच्चतम न्यायालय ने कल अपने आदेश में राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि वो दो सप्ताह में चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी करे। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पंचायत चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष में होने चाहिए, लेकिन निर्धारित अवधि बीतने के बाद लगभग दो वर्ष और निकल गए हैं। वर्तमान स्थिति में चुनाव होने पर अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण रहेगा। जबकि ओबीसी को आरक्षण नहीं रहेगा। जबकि पूर्व में ओबीसी को भी 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था।