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आयकर का बड़ा कदम: फर्जी बिल जांचने पुख्ता किए इंतजाम, गलत काम करने वालों के पास आ सकता है नोटिस

नई दिल्ली। इनकम टैक्स बचाने के लिए निवेश के तमाम प्रमाण देते समय बहुत से लोग गलत या फर्जी बिल जमा कर देते हैं। आयकर विभाग के पास अब ऐसे मामलों की जांच के लिए पुख्ता इंतजाम हैं, इसलिए ऐसे लोगों के पास विभाग से नोटिस आ सकता है। आइए जानते हैं कि इसके लिए क्या दंड होता और इससे बचने के क्या उपाय हैं?

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ज्यादातर लोगों टैक्स बचाने के लिए अपने जरूरी निवेश दस्तावेज जमा कर दिए हैं। अगर किसी को लगता है कि उसने कोई गलत या फर्जी बिल लगाया है तो उसे खुद ही इसका सुधार कर लेना चाहिए और विभाग की नोटिस का इंतजार नहीं करना चाहिए।

टैक्स मामलों के एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि अगर नौकरीपेशा लोगों की बात करें तो ज्यादातर लोगों को किसी जांच या पेनाल्टी का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता, क्योंकि उनके एम्प्लॉयर के लेवल से ही बिल आदि का वेरिफिकेशन हो जाता है। इसके बाद जब आयकर विभाग को किसी पर शक होता है तो वह उसका वेरिफिकेशन करता है और संदेह होने पर नोटिस भेजता है। ऐसा लाखों में कोई एक केस होता है।




नौकरीपेशा लोगों के लिए ज्यादातर मामलों में फर्जी बिल लगाने की गुंजाइश बहुत कम होती है, क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसी, होम लोन इंट्रेस्ट आदि का जो बिल वह देते हैं, वह किसी संस्था या कंपनी का होता है, इसलिए उसमें फजीर्वाड़े की गुंजाइश बहुत कम होती है। फिर भी टैक्स बचाने की आपाधापी में कई लोग फर्जी बिल लगा देते हैं। खासतौर से मेडिकल बिल्स या एलटीए का भुगतान लेने के लिए हवाई टिकट या ट्रेन का फर्जी टिकट लगा देते हैं।

थोड़ी सी चालाकी बड़ा नुकसान
अगर आपने टैक्स बचाने के लिए कोई फर्जी बिल लगाया तो थोड़ी सी चालाकी आपका बड़ा नुकसान करा सकती है। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। अगर कंपनी ने आपका बिल पास कर दिया है, तो भी जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी।

इनकम टैक्स विभाग तीन तरह से फर्जी बिल जमा करने वाले को पकड़ सकता है। पहला, इनकम टैक्स विभाग टैक्स रिटर्न की स्क्रूटनी करता है। इसके लिए वह जांच के लिए रैंडमली किसी भी करदाता के रिटर्न को चुन सकता है। अगर रिटर्न में दी गई जानकारी को आप साबित नहीं कर पाए तो पकड़े जा सकते हैं।

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