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यूएन के मंच से आतंक के आका पड़ोसी को फिर भारत ने घेरा, लगाए यह बड़े आरोप

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के मंच (United Nations forum) से भारत (India) ने एक बार फिर आतंकवाद (terrorism) के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) को जमकर लताड़ लगाई है। UN में भारत ने कहा कि हमारा देश तीन दशकों से अधिक समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार (victim of cross border terrorism) रहा है। पड़ोसी पर निशाना साधते भारत ने कहा कि कुछ देश आतंकियों के पनाहगाह (hideout of terrorists) बने हुए हैं। आतंकवादियों का सहयोग करने के साथ ही उन्हें सुरक्षित आसरा भी प्रदान करते हैं। भारत ऐसे देशों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करता है।

संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव राजेश परिहार (Rajesh Parihar, the first secretary in the Permanent Mission of India) ने कहा कि आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए आतंकियों तक पहुंचने वाली वित्तीय सहायता (financial help) को रोकना बेहद जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ देशों में कानूनी परिचालन ढांचे और आवश्यक आतंकवाद के वित्तपोषण क्षमताओं का मुकाबला करने की कमी है तो कुछ देश ऐसे हैं जो स्पष्ट रूप से आतंकवाद को सहायता और समर्थन देने और जानबूझकर वित्तीय सहायता और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के दोषी हैं।

परिहार से आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे देशों को उनके इन कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। परिहार ने यह टिप्पणी आतंकवाद विरोधी समिति 1267/1989/2253 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति की संयुक्त बैठक (Joint meeting of the Al-Qaeda Sanctions Committee) में की। उन्होंने बैठक के दौरान उन रिपोर्टों का भी हवाला दिया, जो यूएन द्वारा नामित आतंकी समूहों के नेताओं पर मुकदमा चलाने दक्षिण एशिया के कुछ देशों की ढिलाई की ओर इशारा करती है और जहां आतंकी वित्तीय सहायता जुटाने में जुटे हुए हैं।





परिहार ने कहा कि आतंकवादियों को अपने आॅपरेशन और विस्तार करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। आतंकवादी समूहों का निरंतर विस्तार हम सभी के लिए एक वास्तविकता की खतरा है कि आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2462 के बावजूद सदस्य राज्यों द्वारा इसका कार्यान्वयन कई कारणों से चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, जिसमें राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल इंप्लीमेंटेशन सर्वे आफ रिजॉलूशन 1373 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद के खिलाफ एक्शन में सुधार नहीं हुआ है। सर्वे में कहा गया है कि कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में सूचीबद्ध आतंकवादी संस्थाएं गैर-लाभकारी संगठनों के दुरुपयोग सहित, फ्रंटल संगठनों के माध्यम से आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए धन जुटाना जारी रखी हुई हैं।

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