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खुलासा: राम मंदिर पर फैसला होते ही नेताओं से लेकर अफसरों तक ने खरीदी बड़े पैमाने पर जमीन, योगी ने बैठाई जांच

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर का निर्माण (construction of grand ram temple) शुरू हो गया है। लेकिन इससे जुड़े दूसरे मुद्दों पर विवाद भी जारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद राम जन्म भूमि के आसपास अधिकारी से लेकर पुलिस अफसरों (From officer to police officers) और राजनीतिक नेताओं (political leaders) ने बड़े पैमाने पर जमीन की खरीदी (purchase of land) की है। अब इस मामले में यूपी की योगी सरकार (yogi government) ने जांच कराने का फैसला लिया है। साथ ही पांच के अंदर रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्रा (Special Secretary Revenue Radheshyam Mishra) को यह जांच सौंपी गई है। उनसे पांच दिनों में जांच कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह (Additional Chief Secretary Revenue Manoj Kumar Singh) ने जांच के आदेश दिए जाने की पुष्टि की है। सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद IAS के साथ कई अन्य अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जमीन खरीदने वालों की लिस्ट में अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल (MP Agarwal), मेयर ऋषिकेश उपाध्याय (Mayor Rishikesh Upadhyay), आईपीएस दीपक कुमार (IPS Deepak Kumar), रिटायर्ड आईएएस उमा धर द्विवेदी (Retired IAS Uma Dhar Dwivedi), पीपीएस अरविंद चौरसिया (PPS Arvind Chaurasia) के नाम शामिल हैं।

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अयोध्या में राम जन्म भूमि के आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में विधायकों, उनके रिश्तेदारों और मेयर ने जमीनें खरीदी हैं। राजस्व संहिता में दी गई व्यवस्था के मुताबिक दलित ही दलित की जमीन खरीद सकता है। आरोप है कि दलित की जमीन पहले महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को दान किया गया। इसके बाद इस जमीन को अफसरों, नेताओं, विधायकों के नातेदारों और रिश्तेदारों ने औने-पौने दामों पर ले लिया।

कुल 44557 वर्ग मीटर जमीनें ली गईं
राम जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में एक मंडलायुक्त के ससुर ने 2530 स्क्वायर मीटर और उनके साले ने 12060 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। एक DIG की साली ने 1020 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। अयोध्या में तैनात रहे एक मुख्य राजस्व अधिकारी ने साले व उनकी पत्नी के लिए 1130 स्क्वायर मीटर जमीन ली। भाजपा विधायक (BJP MLA) के साले ने 2593 स्क्वायर मीटर व 6320 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक ट्रस्ट के नाम पर 9860 स्क्वायर मीटर जमीन ली गई। भाजपा के एक अन्य विधायक और उनके भतीजे ने 5174 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक रिटायर्ड आईएएस ने 1680 स्क्वायर मीटर, मेयर ने 1480 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक सूचना आयुक्त ने पत्‍नी वे बेटे के नाम पर, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य ने, लेखपाल व कानूनगो ने भी जमीनें ली हैं।

इन्होंने ने खरीदी जमीन
गोसाईगंज से विधायक रहे विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 30 लाख रुपए में 2593 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। खब्बू तिवारी के बहनोई राजेश मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर बरहेटा गांव में 6320 वर्ग मीटर जमीन 47.40 लाख रुपए में खरीदी। अयोध्या के एक अन्य विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दिसंबर 2020 में सरयू नदी के पार गोंडा के महेशपुर में 4 करोड़ में 14860 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. वहीं इनके भतीजे तरुण मित्तल ने नवंबर 2019 में बरहटा माझा में 5174 वर्ग मीटर जमीन 1.15 करोड़ रुपए में खरीदी। अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बलराम मौर्या ने अयोध्या मंदिर निर्माण स्थल से 5 किलोमीटर दूर गोंडा के महेशपुर गांव में 50लाख में 9375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।





वहीं अयोध्या में तैनात रहे एडिशनल एसपी अरविंद चौरसिया के ससुर संतोष चौरसिया ने रामपुर हलवारा गांव में 4 लाख में 126.48 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है। जबकि डीआईजी रहे दीपक कुमार के ससुराल पक्ष ने भी 1020 वर्ग मीटर जमीन महर्षि रामायण ट्रस्ट सहित 19 लाख 75000 में ली है। हालांकि दीपक कुमार जमीन के सौदा के वक्त अयोध्या में तैनात नहीं थे। इस संबंध में डीआईजी रेंज अलीगढ़ दीपक कुमार का कहना है कि उनका इस जमीन की खरीद-फरोख्त से कोई लेना देना नहीं है ना ही उनकी जानकारी में रहा है और ना ही उनकी तैनाती के वक्त इसका कोई सौदा हुआ।

अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के ससुर केपी अग्रवाल ने दिसंबर 2020 में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपए में 2530 वर्ग मीटर जमीन बरेटा माझा गांव में खरीदी। वहीं अग्रवाल के बहनोई आनंद वर्धन ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से ही 15.50 लाख रुपए में 1260 वर्ग मीटर जमीन ली। अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने तो फैसला आने से 2 महीने पहले ही सितंबर 2019 में 30 लाख रुपए में 1480 वर्ग मीटर जमीन खरीद ली। वहीं जुलाई 2018 में ऋषिकेश उपाध्याय ने अयोध्या के काजीपुर चितवन में दान के रुप में 2530 वर्ग मीटर जमीन ली जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जाती है।

विपक्ष को मिला बड़ा चुनावी मुद्दा
अब जांच के आदेश के बीच विपक्ष ने इसे फिर बड़ा मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस की तरफ से सीधे पीएम मोदी से स्पष्टीकरण मागां जा रहा है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि अंधेर नगरी-चौपट राजा..अयोध्याजीवी में लूट पर प्रधानमंत्री मोदीजी मौन है, आदरणीय मोदी जी, इस खुली लूट पर अब आप कब बोलेंगे?

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