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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की भूमिका फिर विवादों में, बाइडन को रोकने पुतिन ने की थी ट्रंप की मदद

वाशिंगटन। अमेरिका में हुए 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस की भूमिका एक बार फिर विवादों में घिर गई है। देश की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका में नवंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के अभियानों को स्वीकृति दी थी। हालांकि इसके मतदान प्रक्रिया पर असर पड़ने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने बाइडन की जीत के बाद भ्रामक और बिना सुबूत के आरोप लगाए थे। हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि किसी भी विदेशी सरकार ने अंतिम परिणामों को प्रभावित नहीं किया था।

यानी खुफिया एजेंसियों को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो। राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय के निदेशक के कार्यालय से जारी 15 पन्ने की रिपोर्ट में अमेरिका में 2020 में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस से जुड़े लोगों ने बाइडन के 3 नवंबर को चुनाव से ठीक पहले बिना तथ्य भ्रामक सूचनाएं फैलाईं, जिनका मकसद चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करना था।

ईरान ने की ट्रंप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश
खुफिया निदेशक कार्यालय से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रूस और ईरान की तरफ से चलाया गया चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने का अभियान था। इस दौरान ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें कीं। लेकिन ईरान के खिलाफ भी जांच एजेंसियों को किसी तकनीकी पहलू से छेड़छाड़ में विदेशी दखल के सुबूत नहीं मिले।

चीन ने नहीं दिया दखल
अमेरिका में जारी इस अहम रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने चुनाव में दखल नहीं दिया। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन अमेरिका के साथ स्थिर संबंध को अहमियत देता है और उसने चुनाव में हस्तक्षेप करके इसमें पकड़े जाने का किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया।

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