नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) को वीआईपी सिक्योरिटी से हटाने का बड़ा फैसला लिया है। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे ऐसे 9 वीआईपी हैं, जिनकी सुरक्षा से एनएसजी को हटाकर सीआरपीएफ को सौंपी जाएगी।अगले महीने से इनकी सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के हवाले होगी। गृह मंत्रालय की ओर यह जानकारी बुधवार को दी गई है। गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नई बटालियन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वीआईपी सुरक्षा प्रकोष्ठ के साथ जोड़ने की स्वीकृति भी दी है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जिन वीआईपी लोगों की सुरक्षा में एनएसजी तैनात है, उनकी सुरक्षा के लिए अब सीआरपीएफ को तैनात किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने हाल ही में संसद की सुरक्षा ड्यूटी से हटाए गए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों की एक नई बटालियन को सीआरपीएफ वीआईपी सिक्योरिटी विंग से जोड़ने की मंजूरी दी थी।
इन 9 वीआईपी की सुरक्षा करेगी सीआरपीएफ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सबार्नंद सोनोवाल
भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं
एक महीने में शिफ्ट होगी ड्यूटी
सूत्रों ने बताया कि एनएसजी के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो द्वारा जिन 9 वीआईपी को ‘जेड प्लस’ कैटेगरी के तहत सुरक्षा दी जा रही थी, अब इसका जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को दिया जाएगा। गृह मंत्रालय के तहत दोनों बलों (एनएसजी-सीआरपीएफ) के बीच ड्यूटी शिफ्ट एक महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। सीआरपीएफ के पास वीआईपी सुरक्षा के लिए 6 बटालियन हैं, इसमें अब सातवीं बटालियन को शामिल करने को कहा गया है। नई बटालियन वही है जो कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा करती थी।
सीआरपीएफ से सीआईएसएफ को सौंपी गई थी संसद की सुरक्षा
पीटीआई के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल सुरक्षा में चूक के बाद संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ से सीआईएसएफ को सौंप दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि नए कार्यभार को संभालने के तहत आंध्र प्रदेश पुलिस की एक टीम हाल ही में अपने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा को एनएसजी से सीआरपीएफ में बदलने के लिए दिल्ली आई थी।
राजनाथ-योगी के पास अरछ प्रोटोकॉल है
एनएसजी सिक्योरिटी वाले 9 नेताओं में से राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन (एएसएल) प्रोटोकॉल है। जिसे अगले महीने से सीआरपीएफ टेकओवर कर लेगा। सीआरपीएफ अभी तक एएसएल का काम गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, आरएसएस चीफ मोहन भागवत और गांधी परिवार के तीनों सदस्यों के लिए करती थी। दरअसल, एडवांस सिक्योरिटी लाइसन प्रोटोकॉल में उस स्थान की अग्रिम टोह ली जाती है, जहां वीआईपी को दौरा करना होता है। सीआरपीएफ अपने 5 वीआईपी के लिए इस तरह का प्रोटोकॉल अपनाती है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।