मांड्या। गणेशोत्सव के दौरान अलग-अलग राज्यों से सांप्रदायिक हिंसा की लगातार खबरे सामने आ रही है। अब इससे जुड़ी एक बड़ी खबर कर्नाटक से आई है। यहां का मांड्या जिला सांप्रदायिक हिंसा की आग सुलग उठा है। मंडा में यह सांप्रदायिक हिंसा गणेश विजर्सन के दौरान हुई है। इतना ही नहींमांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान दो समुदाय के लोग इस कदर भिड़े कि देखते ही देखते पूरा इलाका मैदान-ए-जंग में बदल गया। उपद्रवियों ने जहां पथराव के बाद कई दुकानों और कपड़ों के साथ-साथ बाइक के शोरूम को आग के हवाले कर दिया। सड़क पर खड़ी बाइकों को भी फूंक दिया। हालात को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। यह घटना बुधवार रात मैसूरु रोड पर स्थित दरगाह के पास की है। बता दें कि इससे पहले गुजरात के सूरत में उपद्रवियों ने गणेश पंडाल पर पत्थरबाजी कर दी थी, इस घटना के बाद काफी बवाल भी हुआ था। अब नई खबर कर्नाटक से आ गई है।
पत्थरबाजी के बाद गणेश पूजा करने वाले लोगों ने दूसरे गुटों के खिलाफ एक्शन की मांग की और थाने के पास रातभर प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है पथराव और मारपीट में एक पुलिसकर्मी सहित कुछ लोग घायल हो गए हैं। स्थिति को काबू में करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। दरअसल, बदरिकोप्पलु गांव के युवक गणेश विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जुलूस नागमंगला की मुख्य सड़क पर एक मस्जिद के पास से गुजरा। बताया जा रहा है कि इस दौरान जुलूस पर पथराव हुआ। हालात बिगड़ गए और दोनों समुदायों के बीच झड़पें होने लगीं। पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया तो गुस्साए हिंदू समुदाय के लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया और जिम्मेदारों की गिरफ्तारी की मांग की। घटना के विरोध में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने आज नागमंगला में बंद का आह्वान किया है। इस मामले में पुलिस ने 52 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद पकड़े गए लोगों के परिजन थाने के सामने इकट्ठा हो गए और अपने लोगों को छोड़ने की मांग करने लगे। उन्होंने कहा,’हमारे लोगों ने कुछ भी गलत नहीं किया, उन्हें बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया गया है।
एसपी का दावा- हालात नियंत्रित
इस घटना के बाद मांडया के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी का बयान सामने आया है। एसपी का कहना है कि जब गणेश जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा तो जुलूस को वहां से आगे बढ़ने में थोड़ा समय लग गया। इस पर दोनों समुदायों के बीच बहस शुरू हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लाठीचार्ज के बाद लोग पुलिस स्टेशन के सामने पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन किया। दूसरे समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने सड़क किनारे कुछ बाइक और दुकानों में आग भी लगा दी। एसपी के मुताबिक स्थिति अब नियंत्रण में है। हमारे पास पर्याप्त पुलिस बल है। मौके पर दमकल गाड़ियां मौजूद हैं। किसी को बड़ी चोट नहीं आई है। केवल कुछ लोगों को मामूली चोटें आई हैं। पुलिस ने इलाके में हाई अलर्ट का ऐलान किया है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (उपद्रव या आशंका वाले खतरे के तत्काल मामलों में जारी आदेश) की धारा 163 लागू कर दी है।
पुलिस के सामने प्रदर्शन
बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद दोनों गुटों ने अपने-अपने धार्मिक नारे लगाने शुरू कर दिए, जिससे कस्बे में तनाव और बढ़ गया। सूत्रों ने बताया कि पथराव के दौरान कुछ लोग घायल हो गए और पुलिस को स्थिति पर काबू पाने काफी मशक्कत करनी पड़ी। आरोप है कि कुछ लोगों ने तो तलवार जैसे हथियार भी दिखाए। बद्रीकोप्पलू के युवकों ने बाद में थाने के पास जुलूस रोक दिया और उन पर पथराव करने वाले उपद्रवियों की गिरफ्तारी की मांग की। एहतियात के तौर पर मौके पर पहुंची पुलि ने सीआरपीसी 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
एचडी कुमारस्वामी ने की निंदा
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मांड्या जिले के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हुई एक हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि वह इस घटना की घोर निंदा करते हैं, जो नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान घटी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह से एक समूह ने जानबूझकर भगवान गणपति की शोभायात्रा में शांतिपूर्वक चल रहे भक्तों को निशाना बनाते हुए पत्थर और चप्पल फेंके, पेट्रोल बम फोड़े और तलवारें लहराईं। यह शहर में शांति और व्यवस्था की असफलता का प्रमाण है। उन्होंने आगे कहा कि जब उस समुदाय के असामाजिक तत्व पुलिस स्टेशन के सामने सुरक्षा की मांग कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को उत्पीड़ित करते हैं, तो सवाल उठता है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय पुलिस की विफलता पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
सूरत में भी हुई थी पत्थरबाजी?
कर्नाटक के मांड्या से पहले इसी तरह का नजारा गुजरात के सूरत में दिखा था। गुजरात के सूरत शहर में गणेश उत्सव के दौरान कुछ लोगों नेपंडाल पर कथित तौर पर पथराव कर दिया था। इस पत्थरबाजी में गणेश मूर्ति को नुकसान पहुंचा था। इसकी वजह से क्षेत्र में हिंसा भड़क गई और कुछ पुलिसकर्मी सहित अन्य लोग घायल हो गए। यह घटना बीते रविवार रात की है। सैयदपुरा में घटी इस घटना के सिलसिले में करीब 28 लोगों को गिरफ्ता किया गया था, जिसके बाद करीब 300 लोगों ने अपने समुदाय के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करते हुए लालगेट थाने का घेराव किया था। हिंसा ऐसी फैली थी कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।