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अन्नदाता फिर सड़कों पर: मांगे मनवाने SKM ने दिल्ली कूच का किया ऐलान, संसद भवन तक निकालेंगे मार्च, दिल्ली बार्डर पर हजारों जवान तैनात

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नई दिल्ली। अपनी मांगों के पूरा न होने पर किसानों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना ली है। यही नहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली कूच का भी ऐलान कर दिया है। आज आज 2 दिसंबर को नोएडा की ओर से हजारों किसान दिल्ली मार्च करने जा रहे हैं। सभी किसान नोएडा से दिल्ली में संसद भवन तक विरोध मार्च निकालेंगे।वे नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की अपनी पांच प्रमुख मांगों पर जोर देंगे। बता दें कि इन दिनों संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। किसानों के दिल्ली कूच के चलते नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर दी है तो वहीं दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी है। महामाया फ्लाईओवर के पास दोपहर 12 बजे से जुटेंगे।

यहां पर सबसे पहले बता दें कि किसानों की जो प्रमुख मांगे हैं, उनमें 10 फीसदी विकसित भूखंड, सभी किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ, हाई पावर कमेटी द्वारा किसानों के हक में भेजी गई सिफारिशें लागू किए जाने जैसी कई और अन्य भी मांगे। जानकारी के मुताबिक नोएडा के किसानों और प्राधिकरण के बीच लगभग 3 घंटे तक बैठक चली, लेकिन इस बैठक का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका। बैठक के बाद अब किसान अपनी मांगों को लेकर सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया है। किसानों के हल्लाबोल के देखते हुए दिल्ली बॉर्डर के आस-पास चार हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

इन समूहों से जुड़े हैं प्रदर्शनकारी किसान
प्रदर्शनकारी किसान भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सहित अन्य संबद्ध समूहों से जुड़े हैं। बीकेपी नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के पास दोपहर 12 बजे शुरू होगा और किसान पैदल तथा ट्रैक्टरों से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसानों के दिल्ली कूच करने को लेकर भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। पुलिस ने जगह-जगह पर बैरिकेडिंग की है। पुलिस सहित पीएसी की कई कंपनियों को भी तैनात किया गया है।

नहीं मांगी गईं यह मांगें
इस दौरान पुलिस, जिलाधिकारी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में किसानों की कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गईं। हालांकि, अधिकारियों ने किसानों की मांगों को मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों के बिना दिल्ली कूच करेंगे और यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो उनका आंदोलन और तेज हो सकता है।

6 दिसंबर को पंजाब-हरियाणा के किसान करेंगे कूच
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को कहा कि पंजाब और हरियाणा के सीमा क्षेत्र पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता 6 दिसंबर को दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। पंधेर ने बताया कि 6 दिसंबर को शंभू से दिल्ली की ओर किसानों का पहला जत्था रवाना होगा, जिसमें प्रमुख किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह शामिल होंगे। इस जत्थे में शामिल किसान जरूरी सामान लेकर दिल्ली के लिए रवाना होंगे और शांतिपूर्ण मार्च करेंगे। पंधेर ने बताया कि पहला जत्था अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टन और हरियाणा के पिपली में रुकने के बाद दिल्ली की ओर बढ़ेगा। किसान 9 बजे सुबह से शाम 5 बजे तक चलेंगे और रात सड़क पर बिताएंगे।

केंद्र सरकार पर आरोप
पंधेर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र ने अब तक किसानों से उनके मुद्दों पर बातचीत नहीं की है, जिसमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के तहत किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं, जब उनके दिल्ली मार्च को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था। पंधेर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि किसान 293 दिनों से इन बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं।

केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु में भी मार्च
किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि जब दिल्ली की ओर पहला जत्था मार्च करेगा, तब केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु में भी किसान अपने-अपने राज्य विधानसभाओं की ओर मार्च करेंगे। इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जो कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं, अपना अनशन जारी रखे हुए हैं। उन्होंने जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक अनशन पर बैठने का फैसला कर रखा है।

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